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अनात्मवाद meaning in Hindi

pronunciation: [ anaatemvaad ]
अनात्मवाद meaning in English

Examples

  1. स्पष्टतः इस कहानी के समय तक प्रेमचंद के लिये यथार्थवाद का मतलब ' अनात्मवाद ' है और आत्मवाद के पक्ष से अनात्मवाद के साथ बहस करते हुए वे आत्मवाद को ही विजयी ठहराते हैं।
  2. स्पष्टतः इस कहानी के समय तक प्रेमचंद के लिये यथार्थवाद का मतलब ' अनात्मवाद ' है और आत्मवाद के पक्ष से अनात्मवाद के साथ बहस करते हुए वे आत्मवाद को ही विजयी ठहराते हैं।
  3. स्पष्टतः इस कहानी के समय तक प्रेमचंद के लिये यथार्थवाद का मतलब ' अनात्मवाद ' है और आत्मवाद के पक्ष से अनात्मवाद के साथ बहस करते हुए वे आत्मवाद को ही विजयी ठहराते हैं।
  4. उनके अनुसार शरीर का प्रत्येक हिस्सा नश्वर है . बुद्ध का प्रमुखदार्शनिक तत्व था-- "सब कुछ आत्मा रहित है", वे अनात्मवाद को मानने वालेथे अतः उन्होंने कर्म और फल द्वारा ही संसार-~ संचालन को महत्त्व दिया.
  5. ' कफ़न ' तक आकर अनात्मवाद को उसका वह विकट आकार मिलता है जिसके समक्ष आत्म का प्रतिरोध खो जाने की संभावना खड़ी हो जाती है जबकि प्रेमचंद की प्राथमिक चिन्ता उसे बचाने की ही है।
  6. आचार्य नरेंद्र देव ने अपने ग्रंथ में हीनयान से महायान की उत्पत्ति , स्थविरवाद का समाधिमार्ग निर्वाण, अनात्मवाद, अनीश्वरवाद, क्षणभंगवाद सभी पर विमर्श करते हुए बौद्ध साहित्य में जन्मे सर्वास्तिवाद वद्रयान सौत्रांतिक आदि का भी निर्वचन किया है।
  7. वे भारतीय शुद्घतावाद के अहं से मुक्त व्यक्ति भी थे , कलाकार भी , वे बुद्घ के अनात्मवाद और उपनिषदों के आत्मवाद के समन्वित रूप थे शायद इसीलिए उन्होंने लिखा है- बुद्घ ही विश्व विजेता हैं , सिंकदर नहीं।
  8. एक समाज है कि व्यक्तिगत उपलब्धि और प्रबुद्ध स्वार्थ का जश्न मनाने के लिए , एक लंबे भाषण सेवा उपन्यास विषय की व्याख्या और अनात्मवाद की रैंड की पुस्तक में दर्शन देने के पुनर्निर्माण में उभर सबसे लंबे समय तक एकल अध्याय.
  9. इन दलित-संत कवियों ने बुद्ध के प्रतीत्यसमुप्पाद , अनात्मवाद और अनित्यवाद जैसे भौतिकवादी दर्शन के आधार पर अवतारवाद, कर्मवाद, पुनर्जन्मवाद, नियतिवाद तथा आत्मा-परमात्मा आदि विश्वासों और आस्थाओं को पोषित करने वाले विचारों और सिद्धांतों का विखंडन करके ब्राहणवाद और सामंतवाद का ही विखंडन कर दिया।
  10. इन दलित-संत कवियों ने बुद्ध के प्रतीत्यसमुप्पाद , अनात्मवाद और अनित्यवाद जैसे भौतिकवादी दर्शन के आधार पर अवतारवाद, कर्मवाद, पुनर्जन्मवाद, नियतिवाद तथा आत्मा-परमात्मा आदि विश्वासों और आस्थाओं को पोषित करने वाले विचारों और सिद्धांतों का विखंडन करके ब्राहणवाद और सामंतवाद का ही विखंडन कर दिया।
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