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अग्निष्टोम meaning in Hindi

pronunciation: [ aganisetom ]
अग्निष्टोम meaning in English

Examples

  1. उसने अग्निष्टोम , वाजपेय और अश्वमेध यज्ञों का अनुष्ठान कर अपनी शक्ति का उत्कर्ष किया, और तुंगभद्रा एवं कृष्णा नदियों द्वारा सिंचित प्रदेश में शासन करते हुए कांची को अपनी राजधानी बनाया।
  2. समस्त सोमयागों की प्रकृति होने के कारण “अग्निष्टोम” का प्रथमत : विस्तृत वर्णन किया गया है और अनंतर सवनों में प्रयुक्त शास्त्रों का तथा अग्निष्टोम की विकृतियों-उक्थ्य, अतिरात्र तथा षोडशी याग-का उपादेय विवरण प्रस्तुत किया गया है।
  3. उदाहरणार्थ अग्निष्टोम याग के ही प्रसंग में ताण्ड्य-ब्राह्मण में उद्गाता के द्वारा सदोमण्डप में औदुम्बरी [ 29] के उच्छ्रयण का विधान करते समय कहा गया है कि प्रजापति ने देवों के निमित्त अर्क् का जो विभाजन किया, उसी से उदुम्बर की उत्पत्ति हुई।
  4. इस बिन्दु पर ब्राह्मणग्रन्थ उसे आश्वस्त कर देते हैं कि यह वस्तुत : समस्त फलों का साधन होने के कारण मुख्य है , इसके विपरीत अन्य याग एक-एक फल देने वाले हैं , इसलिए अग्निष्टोम के अनुष्ठान से समस्त फल प्राप्त होते हैं।
  5. उदाहरणार्थ अग्निष्टोम याग के ही प्रसंग में ताण्ड्य-ब्राह्मण में उद्गाता के द्वारा सदोमण्डप में औदुम्बरी [ 29 ] के उच्छ्रयण का विधान करते समय कहा गया है कि प्रजापति ने देवों के निमित्त अर्क् का जो विभाजन किया , उसी से उदुम्बर की उत्पत्ति हुई।
  6. इस मन्त्र के अनुसार जिस अमृतमय ( जो मरणशील नहीं ) मन के द्वारा भूतकाल , वर्तमान तथा भविष्यत्काल का ज्ञान संगृहीत रह्ता है और जिस मन के द्वारा अग्निष्टोम नाम के दीर्घकालिक यज्ञ को विस्तार दिया जाता है जिसमें सात अग्निहोत्रों की भूमिका रहती है , वह मेरा मन शान्त , शुभ तथा कल्याणप्रद विचारों का होवे ।
  7. ( शत . ब्रा . 4.2.1.31 ) कृष्ण मृग के चर्म को कृष्णाजिन और व्याघ्र या सिंह के चर्म को शार्दूल कहा जाता हैः कृष्णाजिनमादत्ते-शत . ब्रा . 1.1.4.4 . । मृत्योर्वा एषवर्णः । यच्छर्दूल । ( तैत्ति . ब्रा . 1.7.8.1 ) ( 29 ) चात्वाल चातुर्मास्य या अग्निष्टोम याग की वेदिका से उत्तर की ओर चात्वाल बनाया जाता है ।
  8. प्रतिदिन एक समय भोजन करने वाला पुरुष अग्निष्टोम यज्ञ के फल का भागी होता है | पंचगव्य सेवन करने वाले मनुष्य को चान्द्रायण व्रत का फल मिलता है |यदि धीर पुरुष चतुर्मास में नित्य परिमित अन्न का भोजन करता है तो सब पातकों का नाश हो जाता है और वह वैकुंठ धाम को पाता है | पुत्रदा एकादशी 01 / 08/09 पुत्रदा एकादशी युधिष्ठिर ने पूछा : मधुसूदन ! श्रावण के शुक्लपक्ष में किस नाम की एकादशी होती है ?
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