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अंतर्वेदना meaning in Hindi

pronunciation: [ anetrevedenaa ]
अंतर्वेदना meaning in English

Examples

  1. पाखी एक विचित्र अंतर्द्वंद्व की स्थिति में स्वयं को नियंत्रित करती है , एक और वह अपने प्रेम की अंतर्वेदना से त्रस्त है तो दूसरी ओर उसे वरुण का छली हृदय और अमानुषी व्यवहार पीड़ित करता है ।
  2. जन्म शताब्दी वर्ष ( २ ० ११ - १ २ ) की तैयारियों में जुटे हम सबको वसंत पर्व की इस पुनीत वेला में उनकी इस अंतर्वेदना को अनुभव करते हुए ब्राह्मणत्व की साधना में तत्पर हो जाना चाहिए ।
  3. मंहगाई के कारण पस्त जनता के ह्रदय से निकली अंतर्वेदना से भी इन सत्ताशीन नेताओं का ह्रदय द्रवित नहीं हुआ , और अपनी नाकामी को छिपाने के लिए ये नेता दिल्ली में गठबंधन धर्म की दुहाई देते हुए जश्न मना रहे हैं।
  4. ऐसी ही अंतर्वेदना के क्षणों में उन्होंने एक दिन कहा था-बेटा ! यदि ईसा मसीह मरण के अंतिम पल में तुमसे पानी मांगें , तो क्या तुम दे सकोगे ? दिल को चीरने वाला कैसा सवाल था यह ? कैसी करुणा थी उनकी मुद्रा में।
  5. भाव , शब्द , कथ्य , शिल्प , प्रवाह और संप्रेषणीयता का अद्भुत संगम हैं आपकी पंक्तियाँ ! एक निरुपाय-निस्सहाय की अंतर्वेदना को इतनी कारुणिक किंतु इतनी सम्यक अभिव्यक्ति मिली है कि इस सुगढ़ मुखरता पर मन सुनने की जगह सीखने को नत हुआ जा रहा है .
  6. आदरणीय योगी जी , सादर अभिवादन ! काफी अंतर्वेदना के साथ लिखी गयी मार्मिक पोस्ट ! मुझे भी लतामंगेशकर का वो गीत याद आ रहा है - जब देश में थी दीवाली वो खेल रहे थे होली जैम हम बैठे थे घरों में वो झेल रहे थे गोली .
  7. हो सकता है मेरे विचारों से आप इत्तेफाक न रखें मगर यही सच है और इस सच को गाहे-बगाहे स्वीकार करना ही होगा समाज को , नहीं तो एक पुरुष प्रधान समाज मे स्त्री की मार्मिक अंतर्वेदना के आख्यान का सिलसिला कभी खत्म नहीं होगा , ऐसा मेरा मानना है ।
  8. बहु-दिशा-स्थित पथ-निर्देशक स्थलों की और मैं स्वभावत : आकर्षित हुआ | प्रचंड प्रकाश-राशि से उन्मीलित मेरे नेत्रों ने अपना स्वाभाविक धर्म छोड़ दिया | मैंने उस प्रकाश-पुंज में पथ-शोधन करना चाहा | देखा- प्रकाश के बाह्य आवरण से आच्छादित अंधकार घनीभूत होकर बैठा है | कारण ? अंतर्वेदना की चिंगारी बहुत पहले ही नि : शेष हो चुकी थी |
  9. बहु-दिशा-स्थित पथ-निर्देशक स्थलों की और मैं स्वभावत : आकर्षित हुआ | प्रचंड प्रकाश-राशि से उन्मीलित मेरे नेत्रों ने अपना स्वाभाविक धर्म छोड़ दिया | मैंने उस प्रकाश-पुंज में पथ-शोधन करना चाहा | देखा- प्रकाश के बाह्य आवरण से आच्छादित अंधकार घनीभूत होकर बैठा है | कारण ? अंतर्वेदना की चिंगारी बहुत पहले ही नि : शेष हो चुकी थी |
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