श्रुतकीर्ति meaning in Hindi
pronunciation: [ sherutekireti ]
Examples
- भगवान राम की सीता के साथ , लक्ष्मण की उर्मिला, भरत की मांडवी के साथ और शत्रुघ्न की श्रुतकीर्ति के साथ.11. भगवान राम अपनी शिक्षा पूरी करके और देवी सीता से विवाह करने के बाद अवधपुरी वापस आ गये.
- जनक पुरी की राजकुमारियों और अब अयोध्या की नववधुओं - सीता , उर्मिला , माण्डवी और श्रुतकीर्ति - को देखने के लिये अट्टालिकाओं की खिड़कियाँ और छज्जे दर्शनोत्सुक युवतियों , कुमारियों से ही नहीं प्रौढ़ाओं एवं वृद्धओं से खचाखच भर गये।
- बताओ , ऐसी परिस्थित में हमें क्या करना चाहिए ? '' श्रुतकीर्ति ने उŸार दिया , ‘‘ हमें किसी को यह कहने का अवसर नहीं देना चाहिए कि आपके दो बड़े भाई पत्नी-सुख त्याग कर सेवा-साधना में लगे हैं और आप पत्नी-सुख भोग रहे हैं।
- बताओ , ऐसी परिस्थित में हमें क्या करना चाहिए ? '' श्रुतकीर्ति ने उŸार दिया , ‘‘ हमें किसी को यह कहने का अवसर नहीं देना चाहिए कि आपके दो बड़े भाई पत्नी-सुख त्याग कर सेवा-साधना में लगे हैं और आप पत्नी-सुख भोग रहे हैं।
- बताओ , ऐसी परिस्थित में हमें क्या करना चाहिए ? '' श्रुतकीर्ति ने उŸार दिया , ‘‘ हमें किसी को यह कहने का अवसर नहीं देना चाहिए कि आपके दो बड़े भाई पत्नी-सुख त्याग कर सेवा-साधना में लगे हैं और आप पत्नी-सुख भोग रहे हैं।
- राजा दशरथ और जनक ने अपनी वंशावली का पूर्ण परिचय देकर सीता और उर्मिला का विवाह राम और लक्ष्मण से तय कर दिया तथा विश्वामित्र के प्रस्ताव से कुशध्वज की दो सुंदरी कन्याओं मांडवी - श्रुतकीर्ति का विवाह भरत तथा शत्रुघ्न के साथ निश्चित कर दिया।
- इसके अलावा कुछ अन्य संदर्भों में पाण्डव पक्ष के अठारह महारथियों का उल्लेख है जिसमें भीम , धृष्टकेतु , काशिराजस पुरुजित , कुंतिभोज , शैव्य युधामन्यु , उत्तमौजा , प्रतिविन्ध्य , श्रुतसोम , श्रुतकीर्ति , शतानीक और श्रुतवर्मा जैसे वीरों के नाम भी शामिल हैं ।
- इसके अलावा कुछ अन्य संदर्भों में पाण्डव पक्ष के अठारह महारथियों का उल्लेख है जिसमें भीम , धृष्टकेतु , काशिराजस पुरुजित , कुंतिभोज , शैव्य युधामन्यु , उत्तमौजा , प्रतिविन्ध्य , श्रुतसोम , श्रुतकीर्ति , शतानीक और श्रुतवर्मा जैसे वीरों के नाम भी शामिल हैं ।
- इसका प्रचार जानकी जी ने किया है-प्रथम शंकर जी को बताया , हनुमान जी को बताया , भरत जी , लखन लाल जी , शत्रुघ्न को बताया , मांडवी , उर्मिला , श्रुतकीर्ति को बताया | इसका बड़ा विस्तार है | सब काम सुरती से होते हैं | थोडा लिखाया है | हमने कहा-जैसी आपकी इच्छा हो हमें मंजूर है |
- इसका प्रचार जानकी जी ने किया है-प्रथम शंकर जी को बताया , हनुमान जी को बताया , भरत जी , लखन लाल जी , शत्रुघ्न को बताया , मांडवी , उर्मिला , श्रुतकीर्ति को बताया | इसका बड़ा विस्तार है | सब काम सुरती से होते हैं | थोडा लिखाया है | हमने कहा-जैसी आपकी इच्छा हो हमें मंजूर है |