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विदारीकंद meaning in Hindi

pronunciation: [ vidaarikend ]
विदारीकंद meaning in English

Examples

  1. कूठ , मजीठ, देवदारु, वायविडंग, मुलहठी, भारंगी, कबीटफल का गूदा, बहेड़ा, पुनर्नवा की जड़, चव्य, जटामासी, फूल प्रियंगु, सारिवा, काला जीरा, निशोथ, रेणुका बीज (सम्भालू बीज), रास्ना, पिप्पली, सुपारी, कचूर, हल्दी, सोया (सूवा) पद्म काठ, नागकेसर, नागरमोथा, इन्द्र जौ, काक़ड़ासिंगी, विदारीकंद, शतावरी, असगन्ध और वराहीकन्द, सब 80-80 ग्राम।
  2. चिकित्सा शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें- इसके लिए शतावरी , गोखरू, बड़ा बीजबंद, बंशलोचन, कबाब चीनी, कौंच के छिलकारहित बीज, सेमल की छाल, सफेद मुसली, काली मुसली, सालम मिश्री, कमल गट्टा, विदारीकंद, असगन्ध सब 50-50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम, सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
  3. छोटी इलायची , शतावर , विदारीकंद , सफेद मूसली , गोखरु , बला मूल , गिलोयसत्व , तेजपात , अजवायन , तालीसपत्र , अजमोद , सौंफ , रासना , पोहकर मूल , वंशलोचन , देवदारु , सोयाबीन , कचूर , जटामासी , वच , मोचरस , सफेद चन्दन , लालचन्दन , वायविडंग , खस , वासा , धनिया , कायफल , नागरमोथा ये सभी औषधियाँ 24 -24 ग्राम लेनी हैं।
  4. छोटी इलायची , शतावर , विदारीकंद , सफेद मूसली , गोखरु , बला मूल , गिलोयसत्व , तेजपात , अजवायन , तालीसपत्र , अजमोद , सौंफ , रासना , पोहकर मूल , वंशलोचन , देवदारु , सोयाबीन , कचूर , जटामासी , वच , मोचरस , सफेद चन्दन , लालचन्दन , वायविडंग , खस , वासा , धनिया , कायफल , नागरमोथा ये सभी औषधियाँ 24 -24 ग्राम लेनी हैं।
  5. चिकित्सा शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें- इसके लिए शतावरी , गोखरू , बड़ा बीजबंद , बंशलोचन , कबाब चीनी , कौंच के छिलकारहित बीज , सेमल की छाल , सफेद मुसली , काली मुसली , सालम मिश्री , कमल गट्टा , विदारीकंद , असगन्ध सब 50 - 50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम , सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
  6. चिकित्सा शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें- इसके लिए शतावरी , गोखरू , बड़ा बीजबंद , बंशलोचन , कबाब चीनी , कौंच के छिलकारहित बीज , सेमल की छाल , सफेद मुसली , काली मुसली , सालम मिश्री , कमल गट्टा , विदारीकंद , असगन्ध सब 50 - 50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम , सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
  7. शिवलिंगी के बीज 10 ग्राम , स्वर्ण भस्म 1 ग्राम , चांदी भस्म 6 ग्राम , वंग भस्म 6 ग्राम , सरफोका की जड़ 6 ग्राम , चंदन का बुरादा 6 ग्राम , शतावर 9 ग्राम , नागकेसर 9 ग्राम , अरुस के फूल 9 ग्राम तिल के फूल नौ ग्राम , हिंगुल भस्म 9 ग्राम , त्रिवंग भस्म 6 ग्राम , असगंध 10 ग्राम , विदारीकंद 10 ग्राम , बरगद की कोमल जटा नौ ग्राम सभी को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें।
  8. शिवलिंगी के बीज 10 ग्राम , स्वर्ण भस्म 1 ग्राम , चांदी भस्म 6 ग्राम , वंग भस्म 6 ग्राम , सरफोका की जड़ 6 ग्राम , चंदन का बुरादा 6 ग्राम , शतावर 9 ग्राम , नागकेसर 9 ग्राम , अरुस के फूल 9 ग्राम तिल के फूल नौ ग्राम , हिंगुल भस्म 9 ग्राम , त्रिवंग भस्म 6 ग्राम , असगंध 10 ग्राम , विदारीकंद 10 ग्राम , बरगद की कोमल जटा नौ ग्राम सभी को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें।
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