राज-व्यवस्था meaning in Hindi
pronunciation: [ raaj-veyvesthaa ]
Examples
- राजनीति के लिए उन्होंने राजधर्म के नाम से वेद तथा अन्य शास्त्रों आदि के आधार पर राज-व्यवस्था , शासन-व्यवस्था , न्याय-व्यवस्था , दंडनीति , कूटनीति आदि की विवेचना की है।
- व्यापारियों द्वारा राज व्यवस्था को प्रभावित करने के किस्से भी सुनाई देते हैं मगर अर्थव्यवस्था ने संपूर्ण राज-व्यवस्था को अपने नियंत्रण में ले लिया हो ऐसा अध्याय इतिहास में दिखाई नहीं देता।
- आज हम किसी भी क्षेत्र में दृष्टिक्षेप करें तो बहुलांश में भारतीय संस्कृति ही दृष्टिगोचर होती है-चाहे वह राज-व्यवस्था का क्षेत्र हो , समाज-व्यवस्था का क्षेत्र हो , साहित्य का क्षेत्र हो अथवा विज्ञान का।
- राजा और प्रजा के लिए बताए गए हैं , लेकिन आधुनिक राज-व्यवस्था के लिए भी सोचने-समझने की नई दिशा दे सकते हैं, खासकार किसी राज्य में धनार्जन को नियंत्रित करने का सिद्धांत है, जो इस प्रकार हैं :
- श्रीराम की एकतंत्रात्मक राज-व्यवस्था में राज-कार्य के प्रायः सभी महत्त्वपूर्ण अवसरों पर राजा , मनीषियों , मंत्रियों तथा सभ्यों से समुचित सम्मति प्राप्त करने की विनीत चेष्टा करते हैं ओर उपलब्ध सम्मति को सहर्ष कार्यान्वित करते हैं।
- इनके फैलाव , रणनीतियों , हिंसक गतिविधियों और लगातार भारतीय राज-व्यवस्था के समक्ष नित नई पेश करते चुनौतियों के मद्देनजर हमारे सबसे बड़े लोकतंत्र के अगुवा मनमोहन सिंह आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं।
- प्लेटो ने अपने गुरू की मौत का कारण जिस राज-व्यवस्था को ठहराया उसे ‘ डेमोक्रेसी ' कहा जाता था , जिसमें भींड़ द्वारा नितान्त अविवेकपूर्ण निर्णय लिए जाते थे , और प्रायः अन्यायपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो जाती थी।
- भुल्लर की मौत पर आखिरी मुहर लगने के साथ ही एक बार फिर यह सवाल सर चढ कर बोल रहा है कि राज-व्यवस्था को सुनिश्चित तरीके से एक प्रणाली , एक व्यवस्था के तहत किसी मनुष्य की हत्या की छूट कैसे दी जा सकती है ?
- स्पष्टतः कुलानंन्द ने पंचायत राज देवी को नई शैली में ‘सस्ते ' ने वशीभूत कर लिया है, वैसे पंचायती-राज के लगभग सभी देवता और कई देवियों को पंचायती राज-व्यवस्था के ‘कुलानंदों' ने पहले से ही अपने मन्दिर में स्थापित कर रखा है, विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट और रंग-विरंगा
- ये तो हुई मेरे सपने की बात भारत अपने युवाओं के संकल्पों द्वारा सिरमौर बने . परन्तु आम जनता - आज जब किसी भी राष्ट्रीय पार्टी में बेहतर क़ानून व्यवस्था, इमानदार राज-व्यवस्था के प्रति गंभीरता नहीं दिखती, सब के सब संख्या और वोटबैंक समीकरण पर चुनाव जीतने की कोशिश मात्र करते हैं;