रत्नमाला meaning in Hindi
pronunciation: [ retnemaalaa ]
Examples
- आचार्य जिनदत्त सूरि कृत विवेक विलास , सूत्रधार मंडन कृत राजवल्लभ, श्रीपति कृत ज्योतिष रत्नमाला और दैवज्ञवल्लभ आदि ग्रंथों में गृह, देव प्रासाद, यज्ञशाला अन्य शालागृह के निर्माण के लिए मार्गशीर्ष व पौष को शुभ कहा गया है।
- इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं - हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1 , 2 (1909-1914), साहित्यालोचन (1922), भाषाविज्ञान (1923), हिंदी भाषा और साहित्य (1930) रूपकहस्य (1931), भाषारहस्य भाग 1 (1935), हिंदी के निर्माता भाग 1 और 2 (1940-41), मेरी आत्मकहानी (1941), कबीर ग्रंथावली (1928), साहित्यिक लेख (1945)।
- इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं - हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1 , 2 (1909-1914), साहित्यालोचन (1922), भाषाविज्ञान (1923), हिंदी भाषा और साहित्य (1930) रूपकहस्य (1931), भाषारहस्य भाग 1 (1935), हिंदी के निर्माता भाग 1 और 2 (1940-41), मेरी आत्मकहानी (1941), कबीर ग्रंथावली (1928), साहित्यिक लेख (1945)।
- और मैं यह देखकर ख़ुद को दुखी होने से नहीं रोक पाता हूँ कि लेखक दिनेश के इस भर्त्सना योग्य कृत्य पर समाज सेविका रत्नमाला विभांडिक ( यामिनी सोनवणे), पुलिस इंस्पेक्टर, डॉक्टर, गोरखा, टेक्सी ड्रायवर और उसके आॉफिस तक के लोगों को इसमें शामिल कर लेता है।
- वह तू है ( ऐसे तुम हो कि ) प्रिय प्रतीत होनेवाले और प्रिय रूपवाले ( समस्त ) भोगों को सोच-समझकर ( तुमने ) छोड़ दिया , इस बहुमूल्य रत्नमाला को भी स्वीकार नहीं किया जिसमें ( जिसके प्रलोभन में ) अधिकांश लोग फँस जाते हैं।
- * पत्र-संसार * ☺ मोताला महाराष्ट्र से ☺ विजय सुरलकर ☺ आरती गौरि रत्नमाला ☺ ओमदादु सुरलकर 10 दिनो तक चलने वाले मोहर्रम ताजीया खाणी में हजरत ईमाम हुसैण का बलीदान तथा करबला कि घटनाओ पर हम भी शोक व्यक्त करते है और ताजिया खाणी मे हम भी शरिक है ।आमिन
- रायसाहब बाबू श्यामसुंदरदास बी . ए. की ' हिंदी कोविद रत्नमाला ' , श्रीयुत् पं . रामनरेश त्रिपाठी की ' कविता कौमुदी ' तथा श्री वियोगी हरिजी के ' ब्रजमाधुरी सार ' से भी बहुत कुछ सामग्री मिली है , अत : उक्त तीनों महानुभावों के प्रति मैं अपनी कृतज्ञता प्रकट करता हूँ।
- सत्यनारायण रेड्डी , महामहिम रामेश्वर ठाकुर , समाजसेवी अमृत कुमार जैन , कवि नरेंदर राय , डॉ अर्चना सिंह ( राष्ट्रीय महिला आयोग , आन्ध्र प्रदेश की अध्यक्ष ) , श्रीमती रत्नमाला साबू ( निदेशक महेश बैंक , हैदराबाद ) , विजय वीर विद्यालंकार , हैदराबाद के पूर्व महापौर तिगलाकृष्ण रेड्डी , न्यायधीश सुभाषण रेड्डी , जगदीशमल मेहता प्रदान ककिया जा चुका है .
- शायद इसीलिए लेखक ने नाटक में दिनेश नाडकर्णी ( रत्नेश रूप) के दोस्त के रूप में मक़बूल शेख (राघवेन्द्र सिंह राजावत) को, अलका नाडकर्णी (ज्योति गोस्वामी) की परिचित के रूप में रत्नमाला विभांडिक (यामिनि सोनवणे), पुरुष (प्रेम उपाध्याय), गोरखा (चैतन्य शाह), टेक्सी ड्रायवर (पुनीत शर्मा), परिवार के डॉक्टर के रूप में डॉ. संचेती (जय पंजवानी), इंस्पेक्टर (रवि जोशी), चपरासी (रोमी सेन) को शामिल किया होगा।
- श्रवणबेलगोल के २५८ वें शिलालेख में भी यही बात कही गई है उनके वंशरूपी प्रसिद्ध खान से अनेक मुनिरूप रत्नों की माला प्रकट हुई उसी मुनि रत्नमाला के बीच में मणि के समान कुन्दकुन्द के नाम से प्रसिद्ध ओजस्वी आचार्य हुए उन्हीं के पवित्र वंश में समस्त पदार्थों के ज्ञाता उमास्वामी मुनि हुए , जिन्होंने जिनागम को सूत्ररूप में ग्रथित किया यह प्राणियों की रक्षा में अत्यन्त सावधान थे।