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रघुनायक meaning in Hindi

pronunciation: [ reghunaayek ]
रघुनायक meaning in English

Examples

  1. जब सीता जी ने ' अजर अमर गुननिधि सुत होहू, करहूँ बहुत रघुनायक छोहू ' का आशीर्वाद हनुमान जी को दिया तो भी वे राम जी के निर्भर प्रेम में मगन हो गए. ' 'करहुँ कृपा प्रभु अस सुनि काना,निर्भर प्रेम मगन हनुमाना'.
  2. खीचि सरासन श्रवण लगी , छोड़े सर इकतीस , रघुनायक सायक चले मानहु काल फनीस ' तो आज भी जिस तरह भ्रष्टाचार-आतंक रूपी विसंगतियों का रावण दसों मुंह बाए खड़ा है तब इकतीस साल की भाजपा काफी प्रासंगिक हो जाती है . अस्तु .
  3. खीचि सरासन श्रवण लगी , छोड़े सर इकतीस , रघुनायक सायक चले मानहु काल फनीस ' तो आज भी जिस तरह भ्रष्टाचार-आतंक रूपी विसंगतियों का रावण दसों मुंह बाए खड़ा है तब इकतीस साल की भाजपा काफी प्रासंगिक हो जाती है . अस्तु .
  4. ऐसे है श्री राम चन्द्र जी जिनका गुण गान करके राक्षस कुल में जन्मे विभीषण का उद्धार हो जाता है हम तो मानव योनि में जन्मे है यदि रघुनायक का गुण गान करे तो हमारा क्या कल्याण नहीं होगा आज की युवा पीढ़ी को समझना चाहिए।
  5. आपने मेरे ब्लॉग पर आकर अपने सुवचनों से मुझे निहाल कर दिया है , रंजना जी.आपकी मंझे यह दुआ और आशीर्वाद कि 'प्रभु कृपा मुझ पर बनी रहे'मुझे सीता माता के हनुमान जी को दिए इस आशीर्वाद का स्मरण करता है अजर अमर गुन निधि सूत होहू करहू बहुत रघुनायक छोहू आपका बहुत बहुत हृदय से आभार.
  6. आपने मेरे ब्लॉग पर आकर अपने सुवचनों से मुझे निहाल कर दिया है , रंजना जी. आपकी मंझे यह दुआ और आशीर्वाद कि 'प्रभु कृपा मुझ पर बनी रहे'मुझे सीता माता के हनुमान जी को दिए इस आशीर्वाद का स्मरण करता है अजर अमर गुन निधि सूत होहू करहू बहुत रघुनायक छोहू आपका बहुत बहुत हृदय से आभार.
  7. आज जब यह पार्टी अपना इकतीस साल पूरे कर चुकी है तो मानस का वह दोहा स्मरण हो आता है ' खीचि सरासन श्रवण लगी, छोड़े सर इकतीस, रघुनायक सायक चले मानहु काल फनीस' तो आज भी जिस तरह भ्रष्टाचार-आतंक रूपी विसंगतियों का रावण दसों मुंह बाए खड़ा है तब इकतीस साल की भाजपा काफी प्रासंगिक हो जाती है.
  8. मोहमूल बहु सूल प्रद त्यागहु तम अभिमान भजहु राम रघुनायक कृपा सिंधु भगवान शस्त्र और शास्त्र दोनों के धनी श्री गुरू गोविन्द सिंह जी भी सुस्पष्ट शब्दों में कहते हैं : - सबै मंत्रहीनं सबै अंत कालं भजो एक चित्तं सुकालं कृपालं 'जब अंत समय आता है तो सभी मंत्र निष्फल हो जाते हैं, इसीलिए मन लगाकर कृपा सिंधु प्रभु का भजन करो.'
  9. मम हृदय भवन प्रभु तोरा , ताहि बसे आई बहु चोरा, इसमें बहुत चोर घुस गए हैं , मैं एकल अमित भट मारा कोई सुनत नहीं मोर पुकारा, रघुनायक बेगी करो सम्हारा, जल्दी सम्भाल लो, यह आपके ह्रदय को आप ही सम्भालो नहीं तो विकार इसे नोच लेंगे | महाराज महाराज हरि हरि सुबह शाम कमरा बंद कर के भगवान को पुकारो, रोओ, नाचों , हँसो , लम्बे पड़ जाओ, अंदर से बल मिलेगा, भगवान संभाल लेंगे |
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