बन्दा बैरागी meaning in Hindi
pronunciation: [ bendaa bairaagai ]
Examples
- छत्रपति शिवाजी , महाराणा प्रताब , गुरु तेगबहादुर , गोविंद सिंह , बन्दा बैरागी , लक्ष्मीबाई , कुंवर सिंह , तात्या टोपे , बिस्मिल , आजाद , भागतसिंह , वासुदेव बलवंत फड़के , बिरसा , लोकमान्य तिलक , लाला लाजपत राय , पं .
- छत्रपति शिवाजी , महाराणा प्रताब , गुरु तेगबहादुर , गोविंद सिंह , बन्दा बैरागी , लक्ष्मीबाई , कुंवर सिंह , तात्या टोपे , बिस्मिल , आजाद , भागतसिंह , वासुदेव बलवंत फड़के , बिरसा , लोकमान्य तिलक , लाला लाजपत राय , पं .
- बन्दा सिंह बहादुर या बन्दा बैरागी पहले ऐसे सिख जरनल हुए , जिन्होंने मुगलों के अजेय होने के भ्रम को तोड़ा ; छोटे साहबजादों की शहादत का बदला लिया और गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा संकल्पित प्रभुसत्ता सम्पन्न लोक राज्य की राजधानी लोहगढ़ की नीव रक ्खी।
- हेमचन्द्र विक्रमादित्य , जयपाल , बन्दा बैरागी , गुरु गोबिंद सिंह , गुरु तेगबहादुर और यहाँ तक कि छत्रपति शिवाजी का भी आपके वामपंथी इतिहासलेखकों ने अपनी पुस्तकों में जिस प्रकार उल्लेख किया है वह स्वयं में ही उनकी कृतघ्न और दूषित मानसिकता का परिचायक है .
- हेमचन्द्र विक्रमादित्य , जयपाल , बन्दा बैरागी , गुरु गोबिंद सिंह , गुरु तेगबहादुर और यहाँ तक कि छत्रपति शिवाजी का भी आपके वामपंथी इतिहासलेखकों ने अपनी पुस्तकों में जिस प्रकार उल्लेख किया है वह स्वयं में ही उनकी कृतघ्न और दूषित मानसिकता का परिचायक है .
- इस वीर योद्धा को कोटि कोटि नमन सच में बन्दा बैरागी जी महाराणा प्रताप व वीर शिवाजी के सामान वीर योद्धा थे “छद्म वेशी तुर्कों ने धोखे से गुरु गोविन्द सिंह की हत्या करायी ”किरपा करके इस विषय पर कुछ प्रकाश डाले आप का बहुत बहुत धन्यवाद
- आज पूरे पंजाब में बीर बन्दा बैरागी क़ा ३०० वा विजय दिवस मनाया जा रहा है , दुर्भाग्य है कि भारत कि सेकुलर हिन्दू बिरोधी सरकार को यह विजय पर्व दिखाई नहीं पड़ रहा है आज क़े तीन सऊ वर्ष पूर्ब मई १७१० में बन्दा बहादुर कि सेना ने सूबेदार वजीर खान
- आज पूरे पंजाब में बीर बन्दा बैरागी क़ा ३०० वा विजय दिवस मनाया जा रहा है , दुर्भाग्य है कि भारत कि सेकुलर हिन्दू बिरोधी सरकार को यह विजय पर्व दिखाई नहीं पड़ रहा है आज क़े तीन सऊ वर्ष पूर्ब मई १७१० में बन्दा बहादुर कि सेना ने सूबेदार वजीर खान...
- मै आपका बन्दा हू , लक्ष्मण ने घुटने टेक कर कहा और उसी दिन से वे सचमुच बन्दा हो गए, गुरु गोविन्द सिंह ने स्वयं उन्हें अपनी तलवार प्रदान की, बन्दा बैरागी क़ा जन्म कश्मीर क़े राजौरी गाव में एक राजपूत किसान परिवार में हुवा था सन्यासी बनने क़े पश्चात् वे माधोदास बैरागी हो गए.
- घास-फूँस की रोटी खाकर राणा नहीं लड़े थे क्या बन्दा बैरागी के सर पर हाथी नहीं चढ़े थे क्या वीर हकीकत राय धर्म की खातिर मरते देखे हैं ऋषि दधिची भी अपनी हड्डी अर्पण करते देखे हैं हाड़ी रानी शीश काट कर थाली में रख देती है ये गाथा उनको सूरज की लाली में रख देती है