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फ़ाख़्ता meaning in Hindi

pronunciation: [ fakhaa ]
फ़ाख़्ता meaning in English

Examples

  1. चंद्ररेखा ढडवाल मूलत : कविताएँ लिखती हैं , लेकिन ऐसी ग़ज़लें भी उन्होंने कही हैं जिनमें समकालीन ग़ज़ल के तेवर , मुहावरा और संवेदना पूरी शिद्दत के साथ मौजूद है : '' फ़ाख़्ता उम्र भर घर बना न सकी और दावा हवा का वो क़ातिल नहीं ''
  2. चंद्ररेखा ढडवाल मूलत : कविताएँ लिखती हैं , लेकिन ऐसी ग़ज़लें भी उन्होंने कही हैं जिनमें समकालीन ग़ज़ल के तेवर , मुहावरा और संवेदना पूरी शिद्दत के साथ मौजूद है : '' फ़ाख़्ता उम्र भर घर बना न सकी और दावा हवा का वो क़ातिल नहीं ''
  3. चंद्ररेखा ढडवाल मूलत : कविताएँ लिखती हैं , लेकिन ऐसी ग़ज़लें भी उन्होंने कही हैं जिनमें समकालीन ग़ज़ल के तेवर , मुहावरा और संवेदना पूरी शिद्दत के साथ मौजूद है : '' फ़ाख़्ता उम्र भर घर बना न सकी और दावा हवा का वो क़ातिल नहीं ''
  4. कौन इस कत्ल-गाहे-नाज 1 के समझे इसरार जिसने हर दशना 2 को फूलों में छुपा रखा है अमन की फ़ाख़्ता उड़ती है निशां पर लेकिन नस्ले-इंसाँ को सलीबों 3 पे चिढ़ा रखा है इस तरफ नुफ्त 4 की बाराने-करम 5 और इधर कासाए-सर 6 से मीनारों को सजा रखा है।
  5. दीवार के पीछे से कुदाल की ज़र्बें लग रही थीं और हर ज़र्ब के साथ मशकूर अली के दिल की धड़कन तेज़ हो रही थी , राशिदा उनके पीछे सहमी हुई, ज़ख्मी फ़ाख़्ता की तरह कांप रही थी-”पुराने ज़माने की दीवार इतनी आसानी से नहीं गिरेगी”-एक जगह से चूना उखड़ना शुरू हुआ।
  6. 2008-09-17T11 : 23:49+00:00 text/plain hi BBCHindi.com http://www.bbc.co.uk/hindi/ Story, Regional News http://www.jammuuniversity.in/departments/physics/intro.asp : जम्मू विश्वविद्यालय वित्त बाज़ार का संकट: कारण और असर http://www.bbc.co.uk/go/wsy/pub/rss/1.0/-/hindi/business/story/2008/09/080916_market_analysis.shtml लीमैन ब्रदर्स और मेरिल लिंच की कंगाली हालत से न केवल दुनिया भर के शेयर बाज़ारों के होश फ़ाख़्ता हो गए हैं बल्कि वहाँ की सरकारों की भी नींद उड़ गई है.
  7. बादल का है राज ) या जैसे , उस फ़ाख़्ता के बाज़ू के अंदर का रोआँ कोमल उजला नीला ( कितना स्वच्छ ! ) जिसको उस शाम हमने मारा था ! * सावन आया है : ख़ूब समझता हूँ मैं सावन की यह पलकें मूँद रही हैं मुझको ( सिंह श. ब. , प्रतिनिधि कवताएँ )
  8. दीवार के पीछे से कुदाल की ज़र्बें लग रही थीं और हर ज़र्ब के साथ मशकूर अली के दिल की धड़कन तेज़ हो रही थी , राशिदा उनके पीछे सहमी हुई , ज़ख्मी फ़ाख़्ता की तरह कांप रही थी- '' पुराने ज़माने की दीवार इतनी आसानी से नहीं गिरेगी '' -एक जगह से चूना उखड़ना शुरू हुआ।
  9. कोई और इस जगह होता तो लोग हँस-हँस कर दोहरे हो जाते मगर ये देव आनंद की अदा है के हम कन्विंस हो जाते हैं और मेरा ख़याल है आप भी . .. क्यों ? मयखाने में प्यारी लैला...ओ लैला ये उन दिनों की बात है जब हिंदी फ़िल्मों का हर विलेन और कभी-कभार बिगड़ैल हीरो भी लंदन से पढ़ कर आया करता था और ख़लील फ़ाख़्ता उड़ाया करे थे ।
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