प्रियंगु meaning in Hindi
pronunciation: [ periyengau ]
Examples
- जबकि कुमारवर्तिनी , कटीवर्ष, मगध, महाराष्ट्र, ऋषभद्वीप, पुण्ड्रवर्धन, कर्बट, मातंग, ताम्रलिप्त, चेर प्रियंगु, कोशल, कलिंग एवंपृष्ठपूरक देश के लोग अधपका, गुड़, शालि, चावल एवं मत्स्य का आहार रुचिकरमानते हैं.
- 7 . प्रियंगु नाम का यह वृक्ष मन ही मन पता नहीं कैसे कैसे ख्यालों में खोया रहता है कि स्त्रियों के स्पर्शमात्र से विकसित हो उठता है।
- 7 . प्रियंगु नाम का यह वृक्ष मन ही मन पता नहीं कैसे कैसे ख्यालों में खोया रहता है कि स्त्रियों के स्पर्शमात्र से विकसित हो उठता है।
- प्रियंगु के संदर्भ में दो कवि प्रसिद्धियों का उल्लेख है - पहली कि यद्यपि इसके पुष्प पीतवर्णी होते हैं परन्तु कवि परम्परा में उन्हें श्यामवर्णी वर्णित करना चाहिये ।
- ( ८) सत् गुणरूप : यथा कुंद, कुड्मल और दाँतों की लाली का ; कमल, मुकुल आदि के हरे रंग का तथा प्रियंगु पुष्पों के पीतवर्ण का वर्णन न करना आदि,
- पित्त ज्वर- जवासा , अडूसा , कुटकी , पित्तपापड़ा , प्रियंगु के फूल और चिरायता इन सभी को मिलाकर काढ़ा बना लें और मिश्री या खाण्ड डालकर रोगी को दें।
- पित्त ज्वर- जवासा , अडूसा , कुटकी , पित्तपापड़ा , प्रियंगु के फूल और चिरायता इन सभी को मिलाकर काढ़ा बना लें और मिश्री या खाण्ड डालकर रोगी को दें।
- हल्दी , घोघ , फूल प्रियंगु और मुलेठी को पानी में पीसकर लुगदी सी बना लें और पीछे कलईदार बर्तन में काले तिल का तेल और लुग्दी मिलाकर तेल पका लें।
- कपिश्रेष्ठ ने वहाँ सरल ( चीड़), कनेर, खिले हुए खजूर, प्रियाल (चिरौंजी), मुचुलिन्द (जम्बीरी नीबू), कुटज, केतक (केवड़े), सुगन्धपूर्ण प्रियंगु (पिप्पली), नीप (कदम्ब या अशोक), छितवन, असन, कोविदार तथा खिले हुए करवीर भी देखे।
- घर में लोबान , गुगुल , राल , पीली सरसों , राई - देवदारू , कूठ , प्रियंगु , अगर - तगर , लोध्र , नागरमोथा आदि सामग्री को उपले पर रखकर जलाएं।