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पुनरुक्त meaning in Hindi

pronunciation: [ puneruket ]
पुनरुक्त meaning in English

Examples

  1. इसी प्रकार निम्नलिखत हिन्दी कविता के प्रथम चरण में विषाण और दूसरे चरण में पुनः शृंग पद का प्रयोग पुनरुक्त दोष का ही उदाहरण है-
  2. इसी प्रकार निम्नलिखत हिन्दी कविता के प्रथम चरण में विषाण और दूसरे चरण में पुनः शृंग पद का प्रयोग पुनरुक्त दोष का ही उदाहरण है-
  3. गीता हो , कुरान हो , या बाइबिल हो ; मुहम्मद , कृष्ण , महावीर हों , वे प्यारे लोग हैं , लेकिन पुनरुक्त करने योग्य नहीं।
  4. इसके बाईस भेद हैं- प्रतिज्ञाहानि , प्रतिज्ञांतर, प्रतिज्ञाविरोध, प्रतिज्ञासंन्यास, हेत्वंतर, अर्थांतर, निरर्थक, अविज्ञातार्थ, अपार्थक, अप्राप्तकाल, न्यून, अधिक, पुनरुक्त, अननुभाषण, अज्ञान, अप्रतिभा, विक्षेप, मतानुज्ञा, पर्यनुयोज्योपेक्षण, निरनुयोज्यानुयोग, अपसिद्धांत और हेत्वाभास।
  5. लेकिन कब जागोगे ? कितनी बार यह पुनरुक्त हुआ है कि जब - जब तुमने सुख चाहा , तब - तब दुख पाया इससे अपवाद कभी हुआ ही नहीं।
  6. इस श्लोक के पहले वाले श्लोक में अर्जुन , अर्जुन, भवद्भिः (आपलोगों के द्वारा) कहने के बाद पुनः सभीमकिरीटिनाम् पद में पुनः अर्जुन के लिए किरीटि पद का प्रयोग पुनरुक्त दोष है।
  7. काव्य में जहाँ पर शब्दों का प्रयोग इस प्रकार हो कि वे पर्याय या पुनरुक्त न होने पर भी पर्याय प्रतीत हों पर अर्थ अन्य दें , वहाँ पुनरुक्तवदाभास अलंकार होता है .
  8. इस श्लोक के पहले वाले श्लोक में अर्जुन , अर्जुन , भवद्भिः ( आपलोगों के द्वारा ) कहने के बाद पुनः सभीमकिरीटिनाम् पद में पुनः अर्जुन के लिए किरीटि पद का प्रयोग पुनरुक्त दोष है।
  9. एक झेन फकीर ने अपना पहला प्रवचन दिया , और फिर दूसरे सप्ताह भी उसने वही प्रवचन दिया , और फिर तीसरे सप्ताह भी उसने उसी प्रवचन को पुनरुक्त किया , ज्यों का त्यों दोहरा दिया।
  10. चार्वाकपंथियों के मतानुसार स्वयं को वेदज्ञ कहने - समझने वाले धूर्त बगुला - भगतों ने आपस में ही वेदों को अनृत ( झूठा ) , व्याघातपूर्ण ( परस्पर विरोधी ) तथा पुनरुक्त ( दुहराव ) दोषों से प्रदूषित किया है .
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