पार्वण श्राद्ध meaning in Hindi
pronunciation: [ paarevn sheraadedh ]
Examples
- पितृपक्ष क्या है - प्रतिवर्ष आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक पितृपक्ष के पार्वण श्राद्ध निर्धारित रहते हैं।
- इन पंद्रह दिनों में लोग अपने पितरों ( पूर्वजों) को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर पार्वण श्राद्ध करते हैं।
- श्राद्ध पक्ष यानि पार्वण श्राद्ध में पूर्वजों और मृत परिजनों की मृत्यु तिथि पर जल से तर्पण और श्राद्ध करते हैं।
- पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध ( 19 सितंबर) प्रतिवर्ष आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक पितृपक्ष के पार्वण श्राद्ध निर्धारित रहते हैं।
- पार्वण श्राद्ध और व्रत के दिन प्रातः कालिक स्नान के समय सारसो का तेल और पकाया हुआ तेल उपयोग मे लाया जाय तो उत्तम है ।
- धर्मग्रन्थों में स्पष्ट निर्देश है-पूर्वाह्ने दैविकंश्राद्धमपराह्नेतुपार्वणम्।देवताओं की पूजा में दिन का पूर्वाह्न तथा पितृपक्ष में पितरोंके निमित्त किए जाने वाले पार्वण श्राद्ध हेतु अपराह्नकालग्रहण किया जाना चाहिए।
- पार्वण श्राद्ध में 9 ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है , किंतु शास्त्र किसी एक सात्विक एवं संध्यावंदन करने वाले ब्राह्मण को भोजन कराने की भी आज्ञा देते हैं।
- पार्वण श्राद्ध में 9 ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है , किंतु शास्त्र किसी एक सात्विक एवं संध्यावंदन करने वाले ब्राह्मण को भोजन कराने की भी आज्ञा देते हैं।
- अर्थात नित्य , नैमित्तिक और काम्य यह तीन प्रकार के श्राद्ध होते हैं, जबकि यमस्मृति में इन तीन के अलावा वृद्धि श्राद्ध और पार्वण श्राद्ध को मिलाकर कुल पाँच श्राद्ध बताए गए हैं।
- पुराणोक्त पद्धति से निम्नांकित कर्म किए जाते हैं : - एकोदिष्ट श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध नाग बलि कर्म नारायण बलि कर्म त्रिपिण्डी श्राद्ध महालय श्राद्ध पक्ष में श्राद्ध कर्म इसके अलावा प्रत्येक मांगलिक प्रसंग में भी पितरों की प्रसन्नता हेतु 'नांदी-श्राद्ध' कर्म किया जाता है।