पद-चिन्ह meaning in Hindi
pronunciation: [ ped-chinh ]
Examples
- [ 57] ऑस्टिन पॉवर्स इन गोल्डमेम्बर और लॉन्गशॉट में स्पीयर्स ने कैमियो रूप का भी प्रदर्शन किया.[58] स्पीयर्स के पद-चिन्ह सन् 2004 के वृत्तचित्र, फारेनहाइट 9/11 में भी दिखाई दिए जो इराक युद्ध के बारे में सन् 2003 की एक
- इस नाचीज के को भी संकेत करो कि मैं आदर्श के रूप में रावण-मार्ग का अनुसरण करूं अथवा राम के पद-चिन्ह की ही लकीर पीट-पीट कर फकीर बना रहूं अथवा रावण-मार्ग का अनुसरण कर मैं भी गणमान्य लोगों की श्रेणी में घुसपैठ कर जाऊं !
- बर्फीले ढलान पर नहीं होता कोई पद-चिन्ह , किसी न किसी को तो उठाना ही पड़ेगा जोखिम आगे बढ़ने का काटने ही होगें फुट-हॉल पीछे आने वालों के लिए कमर में बंधी रस्सी के सहारे आगे बढ़ते हुए फुट-हॉल काटता व्यक्ति रस्सी पर चलने का करतब दिखाता नट नजर आता है।
- जब नव-वधु घर आती है तो पैर गुलाबी रन्ग में रंगा कर ( जिसे लक्ष्मी स्वरूप माना जाता है ) पूरे घर में उसके पद-चिन्ह लगाए जाते हैं ताकि लक्ष्मी इन गुलाबी पद-चिन्हों की भान्ति सदैव घर में विराजमान रहे और घर में खुशियां गुलाबी रन्ग की तरह महकती रहें ।
- उठ-उठ गिर-गिर फिर-फिर आती , नर्तित पद-चिन्ह बना जाती, सिकता की रेखायें उभार- भर जाती अपनी तरल सिहर! तू भूल न री, पंकज वन में, जीवन के इस सूने पन में, ओ प्यार पुलक हे भरी धुलक! आ चूम पुलिन के विरस अधर! दो बूंद शरद का सुन्दर नीलाकाश, निशा निखरी, था निर्मल हास।
- अब पाकिस्तान , चीन लगातार हमारी अखंडता, एकता, भाईचारे को क्षति पहुचाने की पुरी कोसिस कर रहे है| पर उन्हें पता होना चाहिए कि “भारत” अपने आप में ही एक अखंड एवं अटूट है | यहाँ बापू,पटेल, नेहरू, मौलाना कलाम, शास्त्री, अब्दुल कलाम के पद-चिन्ह है, जिन पर चलना यहाँ बच्चों बच्चों को सिखाया जाता है |
- वाचस्पति का दीया तब प्रज्वलित हों उठा जब भामति उस दीये का तेल बनी इतना ही नहीं दीपक की बाटी बनकर बारह वर्षों जली भी ! इतना धनीभूत समर्पण कि जहाँ अहंकार का कोई पद-चिन्ह भी देंखनें को नहीं मिलता ! इतना स् त्रैण ह्रदय कि सब कुछ ग्राह्य हैं , नकार का अस्तित्व ही नहीं हैं |
- स्पीयर्स के पद-चिन्ह सन् 2004 के वृत्तचित्र , फारेनहाइट 9/11 में भी दिखाई दिए जो इराक युद्ध के बारे में सन् 2003 की एक CNN साक्षात्कार का नमूना प्रस्तुत करता है जिसमें स्पीयर्स ने बयान दिया कि उसने सोचा था कि “हमें सिर्फ अपने प्रेसिडेंट द्वारा किए गए प्रत्येक निर्णय पर विश्वास करना चाहिए और सिर्फ उसका ही समर्थन करना चाहिए”.
- देखता इस शैल के ही अंक में बहु पूज्य पुष्कर , पुण्य जिनको किया था जनक-तनया ने नहाकर संग जब श्री राम के वे, थी यहाँ पे वास करती, देखता अंकित चरण उनके अनेक अचल-शिला पर, जान ये पद-चिन्ह वंदित विश्व से होते रहे हैं, देख इनको शीश में भी भक्ति-श्रध्दा से नवाता 'मेघ' जिस जिस काल पढ़ता, मैं स्वयं बन मेघ जाता!