पत्नी व्रत meaning in Hindi
pronunciation: [ petni vert ]
Examples
- त्यौहार मनाने के क्रम में लगभग सभी परिवारों में पति खर्च से परेशान होता है , पत्नी व्रत पूजन , साफ सफाई और पकवान बनाने के अपने बढे हुए काम से , पर बच्चों के लिए तो त्यौहार मनोरंजन का एक बडा साधन होता है।
- त्यौहार मनाने के क्रम में लगभग सभी परिवारों में पति खर्च से परेशान होता है , पत्नी व्रत पूजन , साफ सफाई और पकवान बनाने के अपने बढे हुए काम से , पर बच्चों के लिए तो त्यौहार मनोरंजन का एक बडा साधन होता है।
- सामाजिक जीवन की सक्रियता के में से रात बेरात जग कर जगदीश भाई ने जो ट्रांजिस्टर सेट बनाया वह सिर्फ़ एक स्टेशन पकड़ता था- उनके सर्वोदयी बन्धु इस गुण की तुलना - ' एक पत्नी व्रत ' से करते और कुछ इसे ब्रह्मचारी रेडियो कहते।
- ऐसे युग में श्री राम जब एक पत्नी व्रत लेते हैं तब उसके कारणों पर चिंतन-मनन करना आवश्यक हो जाता है जबकि स्वयं उनके धर्मचारी व् वैभवशाली पिता राजा दशरथ के तीन महारानियों -माता कौशल्या , माता कैकयी , माता सुमित्रा के अतिरिक्त साढ़े तीन सौ रानियाँ थी .
- प्रत्येक मनुष्य के इस वैयक्तिक कर्तव्य का र्समर्थन करते हुए धार्मिक वाङ्मय ने व्यष्टि सृष्टि के अर्धभाग से पुरुष की और अर्धभाग से नारी की उत्पत्ति प्रमाणित कर दाम्पत्य जीवन में पति पत्नी की एकात्मता स्थापित की है और पति को पत्नी व्रत और पत्नी को पत्रि्रत में रहने का आदेश दिया है।
- फिर तो ऋषियों के यज्ञ निर्विघ्न रूप से पूरे किए जाने लगे . राम धर्म के मूर्तरूप हैं |भगवान राम की गुरू सेवा, जाति-पाँति का भेदभाव मिटाना, शरणागत की रक्षा, भ्रातृ-प्रेम, मातृ-पितृ भक्ति, एक पत्नी व्रत, पवनसुत हनुमान तथा अंगद कि स्वामी भक्ति, गिद्धराज की कर्तव्यनिष्ठा तथा केवट आदि के चरित्रो की महानता को अपनाना चाहीए।
- बाल्यावस्था में निज जननी का अन्य सौतों द्वारा अनादर , सौतिया डाह के कारण स्नेहमयी माता कैकेयी का कटु आचरण , पिता का माता कैकेयी द्वारा किया गया तिरस्कार व् पिता का एक रानी के प्रति अधिक मोह हो जाने के कारण निज जननी की उपेक्षा व् पिता की विवशताओं का प्रत्यक्ष दर्शन आदि कारणों ने श्री राम को एक पत्नी व्रत पर अटल रहने हेतु संबल प्रदान किया .
- प्रत्येक यज्ञ में जब धर्मपत्नी की आवश्यकता होती श्री रघुनाथ जी सीता की स्वर्णमयी प्रतिमा बनवा लिया करते थे ] एक पत्नी व्रत पर ऐसी दृढ़ता श्री राम के चरित में कैसे आई ? इसके लिए हमें '' रामायण '' के सबसे क्रूर व् कुटिल प्रसंग पर दृष्टिपात करना होगा अर्थात रानी कैकेयी का राजा दशरथ से श्री राम के स्थान पर श्री भरत का राज्यभिषेक व् श्री राम को चौदह वर्षों का कठोर वनवास का वर मांगने का प्रसंग .
- इस सन्दर्भ में यह दृष्टव्य है - ' ' एतावद्नीतार्थ्मुक्त्वा ................ कृतांजलि : '' [ अर्थात -माता से इस प्रकार अपना अभिप्राय बताकर श्री राम ने अपनी अन्य साढ़े तीन सौ माताओं की ओर दृष्टिपात किया और उनको भी कौशल्या की ही भांति शोकाकुल पाया . '' अयोध्या कांड -एकोन चत्वारिंश : सर्ग : , श्लोक - ३ ६ - ३ ७ '' ] श्री राम के एक पत्नी व्रत लेने के सम्बन्ध में जो सामान्य रूप से व् बहुमान्य कारण प्रत्यक्ष दिखाई देता है वह है -नारी के मानवी अस्तित्व को मान्यता प्रदान करना .
- हँसमुखजी पत्नी व्रत थे पत्नी के हिस्से के सारे काम करते थे कपडे से बर्तन तक धोते थे पत्नी भी पूर्ण पतीव्रता थी पत्नी धर्म श्रद्धा से निभाती थी रात कितनी भी हो जाए ठण्ड कितनी भी बढ़ जाए बर्तन धोने के लिए निरंतर गरम पानी तैयार रखती थी जब तक पूरे ना धुल जाएँ ना खुद सोती ना उन्हें सोने देती रजाई में घुस कर होंसला बढाती थक जाओ तो दो कप चाय बना लेना पहले मुझे पिला देना फिर खुद पी लेना नहीं थको तो आकर मेरे पैर दबा देना कह कर पत्नी धर्म निभाती थी