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नारिकेल meaning in Hindi

pronunciation: [ naarikel ]
नारिकेल meaning in English

Examples

  1. नारिकेल की बहुतायत होने से इसका नाम संस्कृत में केरलम् प्रचलित हुआ हो , यह सोच तो दिलचस्प है मगर विश्वसनीय नहीं क्योंकि भारत की समूची तटरेखा वाले विभिन्न प्रदेशों में नारियल की पैदावार होती है।
  2. नारिकेल की बहुतायत होने से इसका नाम संस्कृत में केरलम् प्रचलित हुआ हो , यह सोच तो दिलचस्प है मगर विश्वसनीय नहीं क्योंकि भारत की समूची तटरेखा वाले विभिन्न प्रदेशों में नारियल की पैदावार होती है।
  3. चन्द्रमा के ऊपर इंडुरी ( सर पर भार या घड़े को रखने के लिये वस्त्र से बनाया गोल घेरा ) के ऊपर कुंभ , उसके ऊपर मुड़े हुए आम्र पत्र तथा सबसे ऊपर नारिकेल स्पष्ट दिखाई देता है।
  4. यही नहीं , आधुनिक भाषावैज्ञानिकों की दृष्टि में कदली , नारिकेल , ताल , तांबूल , वातिड्गण ( बैंगन ) , आलाबु ( लौका ) , निंबुक , जंबू , कर्पास , शाल्मली इत्यादि अनेक वृक्षों और तरकारियों के नामों का मूल स्रोत निषाद भाषा ही है।
  5. यही नहीं , आधुनिक भाषावैज्ञानिकों की दृष्टि में कदली , नारिकेल , ताल , तांबूल , वातिड्गण ( बैंगन ) , आलाबु ( लौका ) , निंबुक , जंबू , कर्पास , शाल्मली इत्यादि अनेक वृक्षों और तरकारियों के नामों का मूल स्रोत निषाद भाषा ही है।
  6. नारिकेल के कुंज वनों का मैं भोला-भाला अधिवासी केरल का वह कृषक पुत्र हूँ ‘ ओणम ' अपना निजी पर्व है नौका-चालन का प्रतियोगी मैं धरती का प्यारा शिशु हूँ श्रम ही जिसकी अपनी पूँजी छल से जिसको सहज घृणा है मैं तो वो कच्छी किसान हूँ लवण-उदधि का खारा पानी मुझसे बार-बार हारा है ...
  7. भारत ने मुझे यादोँके भरपूर खजाने दीये हैँ ! मुझे याद आती है , उसकी शस्य श्यामला भूमि , जहाँ घने , लहलहाते वृक्ष , जैसे कि , विशाल वटवृक्ष , चमकीला कदलीवृक्ष , आमोँके मधुर भारसे दबा , आम्रवृक्ष , आकाशको प्रणाम करता देवदारु , शर्मीला नीम का पेड , अमलतास , कनेर , नारिकेल , पलाश तथा और भी न जाने कितने और जो आज भी हर भारतीय को पुकारते हैँ -
  8. भारत ने मुझे यादोँके भरपूर खजाने दीये हैँ ! मुझे याद आती है , उसकी शस्य श्यामला भूमि , जहाँ घने , लहलहाते वृक्ष , जैसे कि , विशाल वटवृक्ष , चमकीला कदलीवृक्ष , आमोँके मधुर भारसे दबा , आम्रवृक्ष , आकाशको प्रणाम करता देवदारु , शर्मीला नीम का पेड , अमलतास , कनेर , नारिकेल , पलाश तथा और भी न जाने कितने और जो आज भी हर भारतीय को पुकारते हैँ -
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