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ज्योतिष्मती meaning in Hindi

pronunciation: [ jeyotisemti ]
ज्योतिष्मती meaning in English

Examples

  1. नाखूनों का अन्दर की ओर बढ़ना : ज्योतिष्मती के बीजों को अच्छी तरह से पीसकर उसका लेप नाखून पर लगाने से नाखून की जलन व दर्द में राहत मिलती है।
  2. सोलह मुलिनियों का प्रयोग - शण पुष्पी , विम्बी, हैमवती (वचा), इनका प्रयोग मूल वमन में किया जाता है, श्वेता (सफ़ेद कोयल) और ज्योतिष्मती (मॉलकांगनी) इनका मूल शिरोविरेचन के लिए प्रयोग करना चाहिए.
  3. योग दर्शन समाधिपाद का ३ ६ वाँ सूत्र है- ' विशोकाया ज्योतिष्मती ' इसमें शोक संतापों का हरण करने वाली ज्योति शक्ति के रूप में कुण्डलिनी शक्ति की ओर संकेत है ।
  4. वा = इसके सिवा ( यदि ) ; विशोका = शोकरहित ; ज्योतिष्मती = ज्योतिष्मती प्रवृत्ति ( उत्पन्न हो जाय तो वह ) भी मन की स्थिति स्थिर करने वाली होती है।
  5. वा = इसके सिवा ( यदि ) ; विशोका = शोकरहित ; ज्योतिष्मती = ज्योतिष्मती प्रवृत्ति ( उत्पन्न हो जाय तो वह ) भी मन की स्थिति स्थिर करने वाली होती है।
  6. वा = इसके सिवा ( यदि ) ; विशोका = शोकरहित ; ज्योतिष्मती = ज्योतिष्मती प्रवृत्ति ( उत्पन्न हो जाय तो वह ) भी मन की स्थिति स्थिर करने वाली होती है।
  7. विशोका वा ज्योतिष्मती ॥ 1 / 36 ॥ शोक से रहित अथवा ज्योति - प्रकाश से युक्त ( प्रवृत्ति उत्पन्न हुई चित्त की स्थिरता का कारण - प्रयोजक होती है ) ।
  8. स्मरणशक्ति एवं बुद्धि बढ़ाने वाली कुछ अन्य जड़ी-बूटियाँ जैसे शंखपुष्पी , बच, शतावरी, ज्योतिष्मती, अश्वगंध,आंवला, शहद आदि और खाद्य-पदार्थों में अनार, बथुवा, जौ , लहसुन, सैंधा नमक, गाय का दूध और घी, मालकांगनी, बैंगन आदि बुद्धि-वर्धक हैं।
  9. सोलह मुलिनियों का प्रयोग - शण पुष्पी , विम्बी , हैमवती ( वचा ) , इनका प्रयोग मूल वमन में किया जाता है , श्वेता ( सफ़ेद कोयल ) और ज्योतिष्मती ( मॉलकांगनी ) इनका मूल शिरोविरेचन के लिए प्रयोग करना चाहि ए.
  10. मालकांगनी ( ज्योतिष्मती ) का पहले दिन 1 बीज तथा दूसरे दिन रोजाना से 1 - 1 बीज बढ़ाते हुए 50 वें दिन में 50 बीज खायें तथा 50 वें दिन से 1 - 1 बीज कम करते हुए 1 बीज की मात्रा तक आखिरी दिन 1 बीज खायें।
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