चन्द्रकिरण meaning in Hindi
pronunciation: [ chenderkiren ]
Examples
- इस सशक्तिकरण के बदलते हुए चेहरे को समय के साथ बदलता हम देख पा रहे हैं पर इस अवधारणा का शुरुआती दौर देखने के लिए चन्द्रकिरण सौनरेक्सा की आत्मकथा “ पिंजरे की मैना ” एक बेहद महत्वपूर्ण पुस्तक साबित होती है ।
- उसका प्रारम्भ मैने चन्द्रकिरण सौनरिक्क्षा की कहानी को उद्धरित करते हुए किया था - एक रिक्शे वाले की पत्नी अपने पति से कहती है कि उसे नहीं चाहिये यह बुझे बुझे से लाल रंग वाला गेहूं जिसकी रोटी भी ढंग से नहीं बनती।
- उसका प्रारम्भ मैने चन्द्रकिरण सौनरिक्क्षा की कहानी को उद्धरित करते हुए किया था - एक रिक्शे वाले की पत्नी अपने पति से कहती है कि उसे नहीं चाहिये यह बुझे बुझे से लाल रंग वाला गेहूं जिसकी रोटी भी ढंग से नहीं बनती।
- यहां मौजूद एसपी सिटी श्रवण कुमार सिंह , सीओ ट्रैफिक योगेन्द्र सिंह , सीओ मंडी सुनील कुमार , नई मंडी कोतवाल अरूण कुमार सिंह तथा सिविल लाईन थानाध्यक्ष चन्द्रकिरण के नेतृत्व में मौजूद भारी पुलिस बल को राणा समर्थकों को रोकने के लिये भारी मशक्कत करनी पडी।
- महामौन तुम नहीं बोलते क्यों अमृत में गरल घोलते तुम्हें नहीं बहला पाते हैं रातें चन्द्रकिरण रस भीनी ये हिमवर्षी सुन्दर दिन अतिरंजित सपनें मानव के क्यों ले मन के विजन डोलते महामौन तुम नहीं बोलते क्यों अमृत में गरल घोलते अरे ! मौन ये भी अच्छा है अंधकार...
- जबकि राम शिव की अर्धांगिनी शक्ति रुपी सती के साकार रूप अमृत दायिनी पार्वती का , जिनकी कृपा से देवताओं अर्थात सौर-मंडल के सदस्यों को अमृत / सोमरस अर्थात चन्द्रकिरण से लम्बी आयु संभव हुई ( और उत्पत्ति के दौरान सीता पार्वती का ही स्वरुप थी !!! ) ...
- महामौन तुम नहीं बोलते क्यों अमृत में गरल घोलते तुम्हें नहीं बहला पाते हैं रातें चन्द्रकिरण रस भीनी ये हिमवर्षी सुन्दर दिन अतिरंजित सपनें मानव के क्यों ले मन के विजन डोलते महामौन तुम नहीं बोलते क्यों अमृत में गरल घोलते अरे ! मौन ये भी अच्छा है अंधकार
- सुरमई शाम चुपके से सुरमई हो गयी है शाम रात ने सर रख दिया है काँधे पर तारों ने बो दिये हैं चन्द्रकिरण से मनके वीराने में धवल , चमकीली चाँद की निबोली अटकी हुई है नीम की टहनी पर नीचे गिरी तो बाजूबंद सी खुल जाएगी सुरमई शाम अनुपम और प्रगति के अनुराग में ढल जाएगी।
- कलियों की स्मित मुस्कान चन्द्रकिरण में नहाये हुए मधुकर का मधुर मिलन गीत पिक की विरह तान मंदिर की दिव्य वाणी , मस्जिद से आती है अजान कलियों की चंचल चितवन , मदन का पुष्प बान लतिका का कोमल गात, देख रहा अम्बर विहान कोयल की मधुर कूक , क्या क्षुधा हरण कर सकती है ?
- चुपके से सुरमई हो गयी थी शाम रात ने सर रख दिया था काँधे पर तारे ने बो दिये थे चन्द्रकिरण से मनके वीराने में धवल , चमकीली चाँद की निबोली अटकी रही थी नीम की टहनी पर नीचे गिरी तॊ बाजुबंध सी खुल गई सुरमई शाम रात के काँधे पर सर रख कर सो गई ।