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चकित होना meaning in Hindi

pronunciation: [ chekit honaa ]
चकित होना meaning in English

Examples

  1. मैं मानने को तैयार नहीं हूँ कि दिल्ली , कलकत्ता , मुंबई और बंगलौर जैसे शहरों के पढ़े-लिखे और भारी जेब वाले लोग नाग-नागिन या किसी चमत्कार को देखकर रोज़-रोज़ चकित होना चाहते हैं , उनकी ज़्यादा दिलचस्पी मध्यवर्ग से उच्चवर्ग में दाख़िल होने में है .
  2. और कितनी बार आदमी दोहराता है ! चकित होना पड़ता है ! जब तुम भी कभी जागोगे तो हैरान होओगे , तुमने उन्हीं-उन्हीं भूलों को कितना दोहराया ! तुम कोई ग्रामोफोन के टूटे रिकार्ड हो कि सुई फंस गई और दोहराए चली जा रही है एक ही लकीर।
  3. और कितनी बार आदमी दोहराता है ! चकित होना पड़ता है ! जब तुम भी कभी जागोगे तो हैरान होओगे , तुमने उन्हीं-उन्हीं भूलों को कितना दोहराया ! तुम कोई ग्रामोफोन के टूटे रिकार्ड हो कि सुई फंस गई और दोहराए चली जा रही है एक ही लकीर।
  4. इस कड़ी में इस सरकार द्वारा शपथग्रहण के बाद सौ दिन के भीतर वायदों के व्यिान्वयन के लक्ष्य को भी शामिल करें , थोड़ा और पीछे जाकर पिछले कार्यकाल की नरेगा और सूचना का अधिकार सरीखी योजनाओं का आकलन भी करें तो चकित होना पड़ता है कि राज्य सचमुच कल्याणकारी राज्य, जनतांत्रिाक राज्य की दिशा में दौड़ लगा रहा है?
  5. इस कड़ी में इस सरकार द्वारा शपथग्रहण के बाद सौ दिन के भीतर वायदों के क्रियान्वयन के लक्ष्य को भी शामिल करें , थोड़ा और पीछे जाकर पिछले कार्यकाल की नरेगा और सूचना का अधिकार सरीखी योजनाओं का आकलन भी करें तो चकित होना पड़ता है कि राज्य सचमुच कल्याणकारी राज्य, जनतांत्रिक राज्य की दिशा में दौड़ लगा रहा है?
  6. इस कड़ी में इस सरकार द्वारा शपथग्रहण के बाद सौ दिन के भीतर वायदों के क्रियान्वयन के लक्ष्य को भी शामिल करें , थोड़ा और पीछे जाकर पिछले कार्यकाल की नरेगा और सूचना का अधिकार सरीखी योजनाओं का आकलन भी करें तो चकित होना पड़ता है कि राज्य सचमुच कल्याणकारी राज्य , जनतांत्रिक राज्य की दिशा में दौड़ लगा रहा है ?
  7. वह दिन दूर नहीं है जब टीआरपी विज्ञापन देने वालों के लिए कोई भरोसेमंद पैमाना नहीं रह जाएगा क्योंकि उसका आधार तुलनात्मक रूप से बहुत छोटा है . मैं मानने को तैयार नहीं हूँ कि दिल्ली, कलकत्ता, मुंबई और बंगलौर जैसे शहरों के पढ़े-लिखे और भारी जेब वाले लोग नाग-नागिन या किसी चमत्कार को देखकर रोज़-रोज़ चकित होना चाहते हैं, उनकी ज़्यादा दिलचस्पी मध्यवर्ग से उच्चवर्ग में दाख़िल होने में है.
  8. आपको जानकार बेहद आश्चर्य चकित होना पड़ेगा कि इन शापिंग मालो में लगे कूलरो एवं एसी से सीमेंट सड़क पर चलने वाले राहगीर का पसीना तक सुख जाता है लेकिन जब यूरिनल की स्थिति आती हैं तो गला सुख जाता है बगले झांक ञ झांक कर कोई ढौर - ढिकाना न मिलने की स्थिति में जिसके चलते कई बार टै्रफिक में फसे लोग इस कदर परेशान हो जाते हैं कि उनके बच्चों की पैंट में ही शू हो जाती हैं।
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