×

गमन करना meaning in Hindi

pronunciation: [ gamen kernaa ]
गमन करना meaning in English

Examples

  1. और सच तो यह है कि १९१९ में जाकर ही वैज्ञनिकों ने जब पूर्ण सूर्यग्रहण के समय एक अद्भुत प्रयोग में देखा , परखा और मापा तब कहीं यह माना कि शून्य में भी प्रकाश किरण का सरल रेखा में गमन करना आवश्यक नहीं है !
  2. तब प्रकाश की किरण को सरल रेखा में ही गमन करना चाहिए , इसमें संदेह क्यों ? इस पर संदेह सबसे पहले आइंस्टाइन ने ही किया था ! संदेह ही नहीं वरन घोषणा की थी कि अंतरिक्ष के तथाकथित शून्य में प्रकाश किरण वक्र पथ पर चलती है.
  3. तब प्रकाश की किरण को सरल रेखा में ही गमन करना चाहिए , इसमें संदेह क्यों ? इस पर संदेह सबसे पहले आइंस्टाइन ने ही किया था ! संदेह ही नहीं वरन घोषणा की थी कि अंतरिक्ष के तथाकथित शून्य में प्रकाश किरण वक्र पथ पर चलती है .
  4. और सच तो यह है कि १ ९ १ ९ में जाकर ही वैज्ञनिकों ने जब पूर्ण सूर्यग्रहण के समय एक अद्भुत प्रयोग में देखा , परखा और मापा तब कहीं यह माना कि शून्य में भी प्रकाश किरण का सरल रेखा में गमन करना आवश्यक नहीं है !
  5. सुकन्या जय हो , सब है कुशल . उर्वशी ! आज अचानक ऋषि ने कहा , “ आयु को पितृ-गेह आज ही गमन करना है ! अत : , आज ही , दिन रहते-रहते , पहुंचाना होगा , जैसे भी हो , इस कुमार को निकट पिता-माता के ” .
  6. जब हम समलैंगिक लोगों को इस समाज मैं मिला सकते हैं , तब वेश्याओं को क्यों नहीं ? चोरी -छिपे तो ,सब कुछ चल ही रहा है फिर खुले रूप मैं स्वीकार करने मैं संकोच कैसा ? हमारे कानून मैं बलात गमन करना अपराध है , रजामंदी से गमन छ्म्य है .
  7. गुरु पुष्य योग में गुरु अथवा पिता , दादा या श्रेष्ठ व्यक्ति से मंत्र , तंत्र या किसी विशिष्ट विषय के संबंध में उच्च विद्या ग्रहण करना , धन , भूमि , विद्या एवं आध्यात्मिक ज्ञान पा्र प्त करना , गरु से दीक्षा ग्रहण करना , विदेश गमन करना शुभ होता है।
  8. धन-दौलत काफी बढ़ गई | किसी बात की कमी न रही , तब भी उसने न सोचा | वह सोचता भी कैसे ? पांच दोष उसके ऊपर लग गए थे | गुरु की आज्ञा की अवज्ञा | झूठ बोलना | जूठन खानी और मदिरापान | पांचवा महान दोष-वेश्या का गमन करना था |
  9. अपने हाथों से योग्य पात्र को दान करना चाहिए , कॉनों से शास्त्रों का श्रवण करना चाहिए , नेत्रों से विद्वानों का दर्शन करना चाहिए , अपने पॉवों से तीर्थों पर गमन करना चाहिए , पेट भरने के लिए सदैव परिश्रम और ईमानदारी से धन कमाना चाहिए , कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए।
  10. पहले ही अजामल ने मंदे कर्म-दोष किए थे | एक गुरु की आज्ञा की अवज्ञा तथा दूसरा झूठ बोलना | उसने अब दो पाप और कर दिए | एक जूठन खाई और पराई नारी का गमन करना | वह वासना की ओर बढ़ गया | वेश्या का जूठा भोजन भी खा लिया | इन चारों ही महां-दोषों ने उसकी बुद्धि भ्रष्ट कर दी | वह गुरु के पास जाता लेकिन मन भटकने से पाठ न कर पाता |
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.