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कामेश्वरी meaning in Hindi

pronunciation: [ kaameshevri ]
कामेश्वरी meaning in English

Examples

  1. भैरवी के नाना प्रकार के भेद हैं- जैसे , सिद्ध भैरवी, त्रिपुरा भैरवी, चैतन्य भैरवी, भुवनेश्वर भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी, संपदाप्रद भैरवी, कौलेश्वर भैरवी, कामेश्वरी भैरवी, षटकुटा भैरवी, नित्याभैरवी, रुद्रभैरवी, भद्र भैरवी, इत्यादि।
  2. देवीपुराण में कहा गया है कि साक्षात भगवान जनार्दन ही यहां जल , द्रव , रूप में विद्यमान हैं , भगवती कामेश्वरी की पूजा करने से पूर्व महापीठ कामाख्या के जल में स्नान करना चाहिए।
  3. कामेश्वरी प्रिया पूअरहोम स्थित प्राकृतिक चिकित्सा योग संस्थान में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए श्री झा ने कहा कि प्रात : कालीन भ्रमण व योग भी प्राकृतिक चिकित्सा का ही अंग है।
  4. करवा चौथ माता का मंदिरः- पुजारी ओमप्रकाश महाराज का कहना है कि करीब दस वर्ष पहले सर्थप्रथम महारानी कामेश्वरी की स्थापना की गई थी , लेकिन उनकी ही कृपा से धीरे-धीरे कई देवी-देवताओं की स्थापना की गई है।
  5. उन्होंने परमेश्वरी , कामेश्वरी , गंगेश्वरी , जोगेश्वरी , वैरागी तोड़ी , कौशिकतोड़ी , मोहनकौंस , रसिया , मनमंजरी , पंचम आदि नए राग बनाए , इन रागों ने हिन्दुस्तानी संगीत को रागों के मामले में बहुत समृद्ध बनाया है .
  6. उन्होंने परमेश्वरी , कामेश्वरी , गंगेश्वरी , जोगेश्वरी , वैरागी तोड़ी , कौशिकतोड़ी , मोहनकौंस , रसिया , मनमंजरी , पंचम आदि नए राग बनाए , इन रागों ने हिन्दुस्तानी संगीत को रागों के मामले में बहुत समृद्ध बनाया है .
  7. उपर्युक्त रीति से वामा ज्येष्ठा रौद्री तथा इच्छा ज्ञान क्रिया रूप त्रिकोण ही तीन प्रकार से विभक्त होकर दो शक्ति ( वशिनी कामेश्वरी मोदिनी विमला अरुणा जयिनी सर्वेश्वरी कौलिनी ) और एक वह्नि के संयोग से अष्टार चक्र बन जाता है।
  8. इसमें सरस्वती , रागेश्वरी , मंगला , ऐश्वर्या , कामेश्वरी , शक्ति , गुढ़ा , भाग्यम साउथ- 1 , विजया , वंदना , तुकाराम अमला , जीआर-एफ , एनएच- 2 , एन- 1 , एनआर- 4 , एनई , जीएस-फोर्थ- 1 आदि शामिल हैं।
  9. इसमें सरस्वती , रागेश्वरी , मंगला , ऐश्वर्या , कामेश्वरी , शक्ति , गुढ़ा , भाग्यम साउथ- 1 , विजया , वंदना , तुकाराम अमला , जीआर-एफ , एनएच- 2 , एन- 1 , एनआर- 4 , एनई , जीएस-फोर्थ- 1 आदि शामिल हैं।
  10. संतान कामेश्वरी गर्भविरोधम निरासय निरासय सम्यक शीघ्रं संतानमुत्पादयोत्पादय स्वाहा , मन्त्र का नित्य जाप करें | ऋतु काल के बाद पति और पत्नी जौ के आटे में शक्कर मिला कर ७ गोलियाँ बना लें तथा उपरोक्त मन्त्र से २१ बार अभिमन्त्रित करके एक ही दिन में खा लें तो लाभ होगा |
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