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आत्म-केन्द्रित meaning in Hindi

pronunciation: [ aatem-kenedrit ]
आत्म-केन्द्रित meaning in English

Examples

  1. इसीलिए जरूरी है कि हम अपनी मानसिकता को बदलने की कोशिश करें . मॉडर्न और आत्म-केन्द्रित होने का अर्थ यह कतई नहीं है कि एक भरे-पूरे परिवार को तोड़ दिया जा ए.
  2. फिर धीरे-धीरे आत्म-केन्द्रित इंसान प्रकृति के साथ-साथ बिल्लियों के हास्य-व्यंग्य पर भी कब्जा करता गया और अब तो कोई पढ़ी-लिखी बिल्ली इंसान की कल्पना किए बिना ढंग से हंस भी नहीं सकती है।
  3. इंडियन नेशनल यूथ मूवमेंट के तपेश गौतम कहते हैं , अति-सक्रिय एवं आत्म-केन्द्रित अध्यापक संघो के चलते , विधान परिषद् ( अध्यापक ) के चयन की प्रक्रिया , चुनावी रूप से आज ज्यादा प्रासंगिक है।
  4. नयी कविता ' की अस्थिर आत्म-केन्द्रित मनोभूमि को ध्वस्त करते हुए ‘ अकविता ' जैसा आक्रोश-भरा , लेकिन पूरी तरह दिशाहीन , अराजक और विचार-शून्य काव्यान्दोलन उभरा , जिसने कुछ पुराने वामपन्थियों को भी लपेटे में ले लिया।
  5. यह संभव भी नहीं था , क्योंकि इस क्राँति का नेतृत्व पढ़े-लिखे मध्यम-वर्ग के हाथ में था, और वह शहरों में रहता था, बाद में वह वर्ग अधिक आत्म-केन्द्रित और अधिक बुद्धि-छंदी हो गया तथा उसने काव्य में प्रयोगवाद को जन्म दिया.
  6. लेकिन वर्तमान हालातों के मद्देनजर तलाक के बाद वजन घटने और पहले जैसी सेहत के प्रति रुझान होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि अब महिलाएं भी आत्म-केन्द्रित , स्वावलंबी , स्वतंत्र होने के साथ-साथ आशावादी हो गई हैं .
  7. लेकिन दूसरी ओर सोचता हूँ कि आज के समय में जब आदमी इतना आत्म-केन्द्रित होता जा रहा है कि उसके पास अपने दोस्तों रिश्तेदारों के लिए समय नहीं है , ऐसे में शायद यही त्यौहार बहाना बन जाते हैं एक-दुसरे से मिलने मिलाने का .
  8. यह संभव भी नहीं था , क्योंकि इस क्राँति का नेतृत्व पढ़े-लिखे मध्यम-वर्ग के हाथ में था , और वह शहरों में रहता था , बाद में वह वर्ग अधिक आत्म-केन्द्रित और अधिक बुद्धि-छंदी हो गया तथा उसने काव्य में प्रयोगवाद को जन्म दिया .
  9. आज उत्तार आधुनिक काल में जब चारों तरफ विकास की अंधी दौड़ में मनुष्य अपने मूल्यों से दूर होता जा रहा है , उसकी संवेदनाओं का संसार सिकुड़ता जा रहा है, उसके समस्त कृत्य आत्म-केन्द्रित होकर रह गये हैं आम आदमी के सपने लहू-लुहान होकर छटपटा रहे है।
  10. आत्म-केन्द्रित जग सीमित है अपनी ही खुशहाली तक अर्थहीन शब्दों से लेकर चिन्तन की कंगाली तक ऋतु-परिवर्तन भी शायद इनको परिभाषित करता हो जब रिश्तों की मीयादें हों होली से दीवाली तक मेरी जाती कमी से लगते हो किसी खोई ख़ुशी से लगते हो जब से दुश्मन से मिलके आये हो दोस्त , तुम अज़नबी से लगते हो
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