अल्पाहारी meaning in Hindi
pronunciation: [ alepaahaari ]
Examples
- दूसरी पंक्ति ' अल्पाहारी , गृहत्यागी , विद्यार्थी पंचलक्षम् ! जानते थे अब एक नया रूप और दिखा जैसे काकदृष्टि के साथ साथ काकचेष्टा के बारे मे कहा जाता है ...
- हम पहले ही उल्लेख कर चुके है कि बाबा अल्पाहारी थे और वे थोड़ा बहुत जो कुछ भी खाते थे , वह उन्हें केवल दो गृहों से ही भिक्षा में उपलब्ध हो जाया करता था ।
- वैसे ये अल्पाहारी , स्त्री प्रेमी , वन पर्यावरण और जीव जन्तुओं के संरक्षक , लेखक क्लर्क , अधिकारी , प्रशासक , भाषा शास्त्री , अध्यापक , कलाकार , नाटककार , मैनेजर , सैनिक अधिकारी , मंत्री और वास्तुकार या गृहसज्जाकार भी होते हैं।
- काग चेष्टा ( कौवे की तरह कोशिश ) , वको ध्यानम ( बगुले की तरह ध्यान ) , स्वान निद्रा ( कुत्ते की तरह नींद ) , अल्पाहारी ( कम भोजन करने वाला ) और गृह त्यागी ( घर छोड़ देने वाला ) ।
- काग चेष्टा ( कौवे की तरह कोशिश ) , वको ध्यानम ( बगुले की तरह ध्यान ) , स्वान निद्रा ( कुत्ते की तरह नींद ) , अल्पाहारी ( कम भोजन करने वाला ) और गृह त्यागी ( घर छोड़ देने वाला ) ।
- एक सामाजिक संस्था ने पूंजीवादी मानसिकता से शोषित एक बस्ती में ' भय-उन्मूलन ' कार्यक्रम किया . बहुत लोग सम्मिलित हुए अर्थात शाकाहारी , मांसाहारी , अल्पाहारी , अत्याहारी , वृतधारी , योगी , भोगी , खाऊ , पेटू , आदि सभी तरह के लोग थे .
- एक सामाजिक संस्था ने पूंजीवादी मानसिकता से शोषित एक बस्ती में ' भय-उन्मूलन ' कार्यक्रम किया . बहुत लोग सम्मिलित हुए अर्थात शाकाहारी , मांसाहारी , अल्पाहारी , अत्याहारी , वृतधारी , योगी , भोगी , खाऊ , पेटू , आदि सभी तरह के लोग थे .
- हमारे मनीषियों ने शिक्षार्थियों के पाँच लक्षण गिनाएं हैं- काक चेष्टा ( कौए की तरह प्रयत्नशील ) , वको ध्यानम् ( बगुले की तरह ध्यानरत् ) , स्वान निद्रा ( कुत्ते की नींद ) , अल्पाहारी ( कम भोजन करने वाला ) , गृहत्यागी ( घर छोड़ने वाला ) ।
- हमारे मनीषियों ने शिक्षार्थियों के पाँच लक्षण गिनाएं हैं- काक चेष्टा ( कौए की तरह प्रयत्नशील ) , वको ध्यानम् ( बगुले की तरह ध्यानरत् ) , स्वान निद्रा ( कुत्ते की नींद ) , अल्पाहारी ( कम भोजन करने वाला ) , गृहत्यागी ( घर छोड़ने वाला ) ।
- नहीं , वे कूड़ा बीनने वालें हैं अल्पाहारी शौकिया नहीं मजबूरी में गृहत्यागी शिक्षा के लिये नहीं, प्लास्टिक के लिये ध्यान बगुलें का है सीखने के लिये नहीं,अपितु, बीनने के लिये, काकचेस्टा दूसरे से आगे होने के लिये, और, श्वाननिद्रा तो इसलिये कि, भूखे पेट,नंगे शरीर, खुले छ्त के नीचे,नींद आती ही नहीं।