अनुनादित meaning in Hindi
pronunciation: [ anunaadit ]
Examples
- मुंतज़िर हूँ फिर उसी स्पर्श एहसास का , अनुनादित करना है मुझे स्मृतियों का तार-तार कायनात का प्रकम्पन, मैं फिर महसूस करना चाहता हूँ अंतर्मन के गहन अहसासों की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .आपकी हर रचना दिल को छू जाती है..आभार.
- बरसते पानी में जैसे गलती है मिट्टी तुम्हारी याद में गलता है मेरा मन बरसते पानी में पत्तों में अनुनादित जैसे झरते हैं जलकण तुम्हारे वचनामृत की एक-एक बूँद पीता है मेरा मन बरसते पानी में जैसे तृप्त होती है धरती तुम्हारे पावन स्मरण में तृप्त होते हैं मेरे नयन मेरा अंतर्मन
- ‘ ञ ' के लिए हमें वही प्रयास करना पड़ता है जो ‘ ज ' के उच्चारण में , अंतर केवल यह रहता है ‘ ञ ' के मामले में स्वरतंतुओं ( vocal chords ) के साथ नासा गुहा ( nasal cavity ) में भी ध्वनिकंपन ( अनुनादित ? ) होने लगते हैं ।
- इसके बाद फिर एक लय उभारी गयी है , जादू टूटना, सूर्योदय का होना के पुनः संयोजन से पूर्ववर्ती लय के साथ संघात से बीट्स उत्पन्न कर दिये गये हैं जिससे एक शक्तिशाली अर्थान्वेषण से भरी गूंज अनुनादित होती है जो आकाश के बदलते रंगों, जागतिक, दैहिक और सूक्ष्म अनुभूतियों और संवेदनाओं के द्वारा अपनी 'टैक्स्टुअलिटी‘ का सृजन करती है।
- मेलोडी के बादशाह संगीतकार शंकर जयकिशन के संगीत में निबद्ध इस गीत में मित्र और पत्नी के लिये नायक के भग्न हृदय के कातर विचारों को बहुत ही असरदार तरीके से भाव प्रवीण बोलों में पिरोया है कविश्रेष्ठ शैलेंद्रजी नें और उन संवेदनाओं को , उस चुभन को भीगे हुए स्वरों में अनुनादित किया है मुकेशजी नें , जिसके कारण यह गीत एक कालजयी गीत बन गया है.
- मेलोडी के बादशाह संगीतकार शंकर जयकिशन के संगीत में निबद्ध इस गीत में मित्र और पत्नी के लिये नायक के भग्न हृदय के कातर विचारों को बहुत ही असरदार तरीके से भाव प्रवीण बोलों में पिरोया है कविश्रेष्ठ शैलेंद्रजी नें और उन संवेदनाओं को , उस चुभन को भीगे हुए स्वरों में अनुनादित किया है मुकेशजी नें , जिसके कारण यह गीत एक कालजयी गीत बन गया है.
- मेलोडी के बादशाह संगीतकार शंकर जयकिशन के संगीत में निबद्ध इस गीत में मित्र और पत्नी के लिये नायक के भग्न हृदय के कातर विचारों को बहुत ही असरदार तरीके से भाव प्रवीण बोलों में पिरोया है कविश्रेष्ठ शैलेंद्रजी नें और उन संवेदनाओं को , उस चुभन को भीगे हुए स्वरों में अनुनादित किया है मुकेशजी नें , जिसके कारण यह गीत एक कालजयी गीत बन गया है .
- मेलोडी के बादशाह संगीतकार शंकर जयकिशन के संगीत में निबद्ध इस गीत में मित्र और पत्नी के लिये नायक के भग्न हृदय के कातर विचारों को बहुत ही असरदार तरीके से भाव प्रवीण बोलों में पिरोया है कविश्रेष्ठ शैलेंद्रजी नें और उन संवेदनाओं को , उस चुभन को भीगे हुए स्वरों में अनुनादित किया है मुकेशजी नें , जिसके कारण यह गीत एक कालजयी गीत बन गया है.मगर अगर आपने फ़िल्म देखी हो, तो ये भी कहना पडेगा कि राज जी नें वाकई में इस गीत में अपना दिल और उसके इमोशन्स उंडेल कर रख दिये हैं.