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अक्कलकोट meaning in Hindi

pronunciation: [ akeklekot ]
अक्कलकोट meaning in English

Examples

  1. सगुण मेरु नायक ठीक उसी समय बाहर आकर उनसे इस प्रकार वार्तालाप करने लगे कि क्या आपने कभी श्री अक्कलकोट महाराज की जीवनी पढ़ी है ।
  2. सगुण मेरु नायक ठीक उसी समय बाहर आकर उनसे इस प्रकार वार्तालाप करने लगे कि क्या आपने कभी श्री अक्कलकोट महाराज की जीवनी पढ़ी है ।
  3. सोलापुर की अक्कलकोट सीट से पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए सिद्धराम म्हात्रे को आघाड़ी सरकार में गृहराज्य मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद से नवाजा गया था।
  4. वहां से तीन लाख रुपये लेकर ये पांचों गुजरात के पावागढ़ , महाराष्ट्र के शिरडी , अक्कलकोट , कर्नाटक के यादगिरी , बेंगलूर और तमिलनाडु में मदुरई होते हुए रामेश्वरम् जा पहुंचे।
  5. वहां से तीन लाख रुपये लेकर ये पांचों गुजरात के पावागढ़ , महाराष्ट्र के शिरडी , अक्कलकोट , कर्नाटक के यादगिरी , बेंगलूर और तमिलनाडु में मदुरई होते हुए रामेश्वरम् जा पहुंचे।
  6. श्री शिरडी साईं बाबा , हजरत ताजुद्दीन बाबा (इनका समाधि स्थल नागपुर में है), हजरत बाबाजान (पुने), समर्थ सद्गुरु अक्कलकोट महाराज, सद्गुरु गजानन महाराज (शेवगांव, अकोला) के समकालीन संत थे और इन्हीं संतों के समकक्ष 'दत्तात्रेय अवतार' माने जाते हैं।
  7. सबनीसजी उनके दर्शन करने लगे , वैसे ही जिनकी ओर माणिक प्रभूने उंगली दिखाई थी वे यतिराज सबनीसजीको बोले , ‘‘ तुम कसाई हो ! अक्कलकोट जाओ , हम भी आएंगे ! '' मैं अक्कलकोटका हूं यह इन्हें कैसे ज्ञात हुआ ? सबनीसजीको इस बातका आश्चर्य हुआ ।
  8. सबनीसजी उनके दर्शन करने लगे , वैसे ही जिनकी ओर माणिक प्रभूने उंगली दिखाई थी वे यतिराज सबनीसजीको बोले , ‘‘ तुम कसाई हो ! अक्कलकोट जाओ , हम भी आएंगे ! '' मैं अक्कलकोटका हूं यह इन्हें कैसे ज्ञात हुआ ? सबनीसजीको इस बातका आश्चर्य हुआ ।
  9. जाता है , अन्य दो अवतार हैं शिर्डी के साईं बाबा तथा अक्कलकोट के श्री स्वामी समर्थ A महाराज को सर्वप्रथम शेगांव में सन 1878 में देखा गया था और तब ही से उनके असीम ज्ञान , सादगी तथा अद्वितीय अध्यात्मिक शक्ति से समस्त जनमानस तथा उनके भक्त लाभान्वित होते आये हैं A
  10. खैर , अब पिछली बातों को जाने दो | यह तुम्हारा सौभाग्य है कि साईं बाबा के रूप में तुम्हें अक्कलकोट महाराज ने अपने कर्त्तव्य को याद करा दिया | अब तुम इन रुपयों का पूजन कर उनकी वास्तविकता को समझो और संतों का आशीर्वाद पाने पर अपने को गर्वित मानो | अब तुम साईं बाबा का दामन कभी न छोड़ना , इसी में तुम्हारी भलाई है | ”
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