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स्वप्न द्रष्टा meaning in Hindi

pronunciation: [ sevpen dersetaa ]
स्वप्न द्रष्टा meaning in English

Examples

  1. यहाँ यह उल्लेख करना भी महत्त्वपूर्ण होगा कि यह योजना 1944 में जब पहली सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप मे विकसित हुई तब यहाँ ब्रिटेन की सरकार थी । प्रो . बी.पी. अदारकर, प्रतिष्ठित विद्वान और स्वप्न द्रष्टा के नेतृत्व में त्रिपक्षीय श्रम सम्मेलन में सामाजिक बीमा पर प्रथम दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे ।
  2. आज सोया , हजारों बरस बाद मैं , जाने कब से सहारा, मिला ही नहीं , रंग गीले अभी, विघ्न डालो नहीं , है अभी चित्र मेरा, अधूरा अधूरा ! स्वप्न द्रष्टा को नींद का निहितार्थ उसकी आत्मा का अवचेतन सम्मोह है ,जो जागा तो विचलित करता है ,मजबूर करता है आत्म मंथन को ......./ सुन्दर परिकल्पना ,शुभकामनायें जी /
  3. आज सोया , हजारों बरस बाद मैं , जाने कब से सहारा, मिला ही नहीं , रंग गीले अभी, विघ्न डालो नहीं , है अभी चित्र मेरा, अधूरा अधूरा ! स्वप्न द्रष्टा को नींद का निहितार्थ उसकी आत्मा का अवचेतन सम्मोह है ,जो जागा तो विचलित करता है ,मजबूर करता है आत्म मंथन को ......./ सुन्दर परिकल्पना ,शुभकामनायें जी /
  4. कभी नींद नहीं टूटे जिसमे , देखा मैंने वो सपना है है स्वप्न सृजन कुछ करने का , जिसका पहले अस्तित्व ना हो जो खुद पहचान घड़े अपनी , जिसमे “ कर्ता ” का भी व्यक्तित्व हो पर देख स्वप्न के रस्ते में , कितने कंकाल लटकते हैं जो हैं निद्रा से जाग चुके , वो स्वप्न द्रष्टा भटकते हैं .
  5. आज सोया , हजारों बरस बाद मैं , जाने कब से सहारा , मिला ही नहीं , रंग गीले अभी , विघ्न डालो नहीं , है अभी चित्र मेरा , अधूरा अधूरा ! स्वप्न द्रष्टा को नींद का निहितार्थ उसकी आत्मा का अवचेतन सम्मोह है , जो जागा तो विचलित करता है , मजबूर करता है आत्म मंथन को ....... / सुन्दर परिकल्पना , शुभकामनायें जी /
  6. आज सोया , हजारों बरस बाद मैं , जाने कब से सहारा , मिला ही नहीं , रंग गीले अभी , विघ्न डालो नहीं , है अभी चित्र मेरा , अधूरा अधूरा ! स्वप्न द्रष्टा को नींद का निहितार्थ उसकी आत्मा का अवचेतन सम्मोह है , जो जागा तो विचलित करता है , मजबूर करता है आत्म मंथन को ....... / सुन्दर परिकल्पना , शुभकामनायें जी /
  7. मेरा स्वप्न द्रष्टा … ! - - जीवन निधि में उसकी भूमिका और अर्थवत्ता एक स्वप्न द्रष्टा सी थी … ; ह्रदय शीर्ष पर उसका स्थान रिक्त था किसी और को नहीं बिठाया था … ? असम्बद्धता के मायने ! वो , कुछ भी समझे … त्याग , अभिमान अथवा असमर्थता ? पर , उसे कभी भूलाया नहीं था … ? कल ! एक लम्बे अन्तराल के बाद उसे देखा … वो - समय की गति के साथ … परिवर्तन के लाभ , सिद्धांत , जीवन मूल्यों की अर्थवत्ता और सार्थकता को समझा रहा था … ?
  8. मेरा स्वप्न द्रष्टा … ! - - जीवन निधि में उसकी भूमिका और अर्थवत्ता एक स्वप्न द्रष्टा सी थी … ; ह्रदय शीर्ष पर उसका स्थान रिक्त था किसी और को नहीं बिठाया था … ? असम्बद्धता के मायने ! वो , कुछ भी समझे … त्याग , अभिमान अथवा असमर्थता ? पर , उसे कभी भूलाया नहीं था … ? कल ! एक लम्बे अन्तराल के बाद उसे देखा … वो - समय की गति के साथ … परिवर्तन के लाभ , सिद्धांत , जीवन मूल्यों की अर्थवत्ता और सार्थकता को समझा रहा था … ?
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