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सोनापाठा meaning in Hindi

pronunciation: [ sonaapaathaa ]
सोनापाठा meaning in English

Examples

  1. सोनापाठा की छाल व पत्तों को बारीक पीसकर गोली बनाकर उसके ऊपर बरगद के पत्ते लपेट कर मिट्टी के बर्तन डाल दें जब मिट्टी पककर लाल हो जाये तब इसको निकाल कर ठंडा होने पर दबाकर रस निकाल लें।
  2. सोनापाठा की बारीक पिसी हुई सूखी छाल के 40 से 50 ग्राम चूर्ण को पानी में 4 घंटे भिगो दे , इसके बाद इसकी छाल को पीस लें तथा छानकर पानी में मिश्री मिलाकर 7 दिन तक सुबह-शाम सेवन करें।
  3. सोनापाठा के जड़ की छाल और इन्द्रजौ के पत्तों को पीसकर प्राप्त रस में मोच का रस मिलाकर 1 चम्मच की मात्रा में रोगी को चटाने से अतिसार ( दस्त ) और आमातिसार ( साधारण दस्त ) खत्म हो जाते हैं।
  4. मासिक स्राव में जिन स्त्रियों को 4 - 6 दिन तक भयंकर दर्द हो , उनको सोनापाठा की छाल का लगभग आधा ग्राम चूर्ण इतनी ही शुंठी चूर्ण व इतनी ही मात्रा में गुड़ लेकर तीनों को मिलाकर 3 गोलियां बना लें।
  5. सोनापाठा की छाल के चूर्ण को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग तक की मात्रा में दिन में 3 बार रोज सेवन करने से तथा सोनापाठा के पत्तों को गर्म करके सन्धियों ( जोड़ो ) पर बांधने से संधिवात ( जोड़ों के दर्द ) में बहुत लाभ होता है।
  6. सोनापाठा की छाल के चूर्ण को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग तक की मात्रा में दिन में 3 बार रोज सेवन करने से तथा सोनापाठा के पत्तों को गर्म करके सन्धियों ( जोड़ो ) पर बांधने से संधिवात ( जोड़ों के दर्द ) में बहुत लाभ होता है।
  7. इन्द्रजौं , करंज की छाल , सोनापाठा की छाल , चित्र कमूल , सौंठ , सेंधा नमक इन सब औषधियों को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर और छानकर बारीक चूर्ण बना लें , इस चूर्ण को डेढ़ से तीन ग्राम तक की मात्रा में दिन में 3 बार छाछ के साथ सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।
  8. इन्द्रजौं , करंज की छाल , सोनापाठा की छाल , चित्र कमूल , सौंठ , सेंधा नमक इन सब औषधियों को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर और छानकर बारीक चूर्ण बना लें , इस चूर्ण को डेढ़ से तीन ग्राम तक की मात्रा में दिन में 3 बार छाछ के साथ सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।
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