सुन्नी सम्प्रदाय meaning in Hindi
pronunciation: [ suneni semperdaay ]
Examples
- ( इस सम्बन्ध में असदुल ग़ाब्बत[12], अल इस्तियाब[13], अल असाबा[14] सुन्नी सम्प्रदाय की किताबें व दरजातुर्रफ़िय्यह, असलुश्शियत व उसूलुहा, फ़सूलुल मुहिम्मह शिया सम्प्रदाय की किताबें हैं।)
- ( इस सम्बन्ध में असदुल ग़ाब्बत[12], अल इस्तियाब[13], अल असाबा[14] सुन्नी सम्प्रदाय की किताबें व दरजातुर्रफ़िय्यह, असलुश्शियत व उसूलुहा, फ़सूलुल मुहिम्मह शिया सम्प्रदाय की किताबें हैं।
- सुन्नी सम्प्रदाय के प्रसिद्ध ज्ञानी व मुफ़स्सिर जलालुद्दीन सयूती लिखते हैं कि वह खलीफा जिन्होने उलूमे क़ुरआन के सम्बन्ध में सबसे अधिक जानकारी प्रदान की हज़रत अली अलैहिस्सलाम हैं।
- ( इस सम्बन्ध में असदुल ग़ाब्बत[ 12], अल इस्तियाब[ 13], अल असाबा[ 14] सुन्नी सम्प्रदाय की किताबें व दरजातुर्रफ़िय्यह , असलुश्शियत व उसूलुहा , फ़सूलुल मुहिम्मह शिया सम्प्रदाय की किताबें हैं।)
- ( इस सम्बन्ध में असदुल ग़ाब्बत [12] , अल इस्तियाब [13] , अल असाबा [14] सुन्नी सम्प्रदाय की किताबें व दरजातुर्रफ़िय्यह , असलुश्शियत व उसूलुहा , फ़सूलुल मुहिम्मह शिया सम्प्रदाय की किताबें हैं।)
- इस्लामाबाद / वाशिंगटन/काहिरा: इस्लाम विरोधी फिल्म को लेकर मुस्लिम जगत में अंसतोष पर मिस्र में सुन्नी सम्प्रदाय की एक प्रमुख हस्ती ने शांति बनाए रखने और संयम व समझदारी का परिचय देने का आह्वान किया।
- सुन्नी सम्प्रदाय के लगभग सभी आचार्य नबीश्री की उन संतानों को जिन्हें इमामत का पद प्राप्त था हर दृष्टि से श्रेष्ठ और आदरणीय स्वीकार करते हैं किंतु उन्हें खिलाफत के लिए उपयुक्त नहीं समझते .
- वास्तव में शीया- सुन्नी सम्प्रदाय की जिन जागरुक हस्तियों , बुद्धिजीवियों , विद्वानों और संघर्षकर्ताओं ने पिछली शताब्दी में जो बीज बोया था वह जेहाद और जागरुकता का बीज था तथा वह मुसलमान विद्वानों के परिश्रम से वर्तमान समय में धीरे- धीरे फल देने लगा है।
- इस्लाम में , विशेषकर सुन्नी सम्प्रदाय में , इमाम बुखारी , मुस्लिम , माजाह , दाऊद , नासाई , और तिरमिज़ी की इन छः हरीसों को कुरान के समान प्रामाणिक माना जाता है क्योंकि ये पैगम्बर मुहम्मद के वचन हैं और प्रत्येक हीस में जिहाद सम्बन्धी सैकड़ों सन्देश हैं , जैसे :
- भारत में इसकी शुरुआत [ यानी जिस तरह आज यह मनाया जाता है] कोलकाता से मानी जाती है.इस मौके पर सब से पहला जुलुस १९११ के आस-पास इसी शहर के मुसलामानों ने निकाला था.दरअसल हनफी सुन्नी सम्प्रदाय के दो मुख्य वैचारिक केद्र हैं.देवबंद स्कूल और बरेली स्कूल.देवबंद स्कूल का मान्न्ना है की जब हुजुर ने ही अपना या अपने किसी स्नेही जनों का जनोत्सव नहीं मनाया तो फिर हम लोग उनका क्यों मनाएं.और फिर इस्लामी कलेंडर के मुताबिक़ जो उनकी पैदाइश की तारीख़ है वही दुर्भाग्य से उनकी देहावसान की भी है.