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सामवेदीय meaning in Hindi

pronunciation: [ saamevediy ]
सामवेदीय meaning in English

Examples

  1. सामवेदीय गोभिलगृह्यसूत्र balloon title = “ गोभिलगृह्यसूत्र , 3.10 .6 ” style = color : blue > * / balloon > भी गौतम धर्मसूत्र को प्रामाणिक मानता है।
  2. रूद्राक्षजाबालोपनिषद रूद्राक्ष से संबंधित उपनिषद है यह उपनिषद सामवेदीय शाखा के अंतर्गत आता है जिसमें भगवान शिव के ‘ रुद्राक्ष ' की महत्ता को व्यक्त किया गया है .
  3. शनि , राहू एवं केतु के यंत्र अथर्ववेदीय मन्त्र , सूर्य , चन्द्र एवं गुरु के यंत्र ऋग्वेदीय तथा शुक्र एवं बुध के यंत्र सदा सामवेदीय मंत्रो से ही सिद्ध होते है .
  4. ऋग्वेदीय उपाकर्म श्रावण पूर्णिमा से एक दिन पहले सम्पन्न किया जाता है | जबकि सामवेदीय उपाकर्म श्रावण अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा तिथि में किया जाता है | उपाकर्म का शाब्दिक अर्थ है “
  5. डबवाली ( लहू की लौ ) आर्य समाज के तत्वाधान में आयोजित वाॢषक उत्सव के अंतर्गत पांच दिवसीय सामवेदीय यज्ञ महोत्सव की सरिता में पारिवारिक कार्यक्रम गुरूवार को धर्मवीर के निवास पर वैदिक हवन यज्ञ के साथ प्रारम्भ हुआ।
  6. सामवेदीय शाखा के अंतर्गत आने वाले इस महोपनिषद में नारायण भगवान के स्वरूप को व्यक्त करता है भगवान विष्णु जिन्हें नारायण रूप में भी पूजा जाता है उन्हीं के द्वारा सृष्टि का विकास क्रम निरंतर अग्रसर रहता है .
  7. वैदिक , ऋषिप्रोक्त तथा आगम पुराण से प्रवाहित, भारतीय संगीत की त्रिवेणी में सामवेदीय परम्परा से जुडे़ आचार्य भरत की शिष्य-प्रशिष्य परम्परा के साथ तत्कालीन संगीत के शास्त्रीय और प्रायोगिक स्वरूप का सर्वांगीण विवेचन करने वाले पाँचवीं-छठी शती के आचार्यो में आचार्य मतङ्ग प्रमुख हैं।
  8. वैदिक , ऋषिप्रोक्त तथा आगम पुराण से प्रवाहित , भारतीय संगीत की त्रिवेणी में सामवेदीय परम्परा से जुडे़ आचार्य भरत की शिष्य-प्रशिष्य परम्परा के साथ तत्कालीन संगीत के शास्त्रीय और प्रायोगिक स्वरूप का सर्वांगीण विवेचन करने वाले पाँचवीं-छठी शती के आचार्यो में आचार्य मतङ्ग प्रमुख हैं।
  9. इनका जन्म भारत देश के उत्तर-प्रदेश राज्य स्थित ब्रीहिसंकृति के प्रमुख केन्द्र गोरखपुर जनपद में अचिरावती ( राप्ती) एवं रोहिणी (रोहिन) के संगम-स्थल से १ किलोमीटर पश्चिम स्थित शाण्डिल्य गोत्रिय सामवेदीय ब्राह्मणों के प्रसिद्ध ग्राम गुरौली निवासी पं० सभापति त्रिपाठी (नन्दबाबा) के कनिष्ठ पुत्र आचार्य राम नारायाण त्रिपाठी की गृहिणी श्रीमति सुमित्रादेवी के गर्भ से प्रथम सन्तति के रूप में १ अप्रैल सन १९७३ ई० में हुआ था।
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