मूल्य-वृद्धि meaning in Hindi
pronunciation: [ muley-veridedhi ]
Examples
- आज ३ १ - ० ५ - २ ० १ २ को तमाम विपक्षी दलों और संगठनों द्वारा पेट्रोल की मूल्य-वृद्धि के खिलाफ “ भारत बन्द ” का आयोजन किया गया है।
- 5 जुलाई 2010 के भारत बंद की सफलता के बाद भी क्या पेट्रोल , डीजल आदि की मूल्य-वृद्धि घटेगी ? संसद के मानसून सत्र के आरंभ केपूर्व का यह बंद प्रतीकात्मक है .
- ७ . जिस जमीन को पहले कोई और खरीद चुका हो और फिर तीसरे पक्ष को वही जमीन ऊॅचे दामों में बेची जा रही हो तब जमीन के मूल-स्वामी को , मूल्य-वृद्धि की ४ ० प्रतिशत राशि देना अनिवार्य होगा।
- ७ . जिस जमीन को पहले कोई और खरीद चुका हो और फिर तीसरे पक्ष को वही जमीन ऊॅचे दामों में बेची जा रही हो तब जमीन के मूल-स्वामी को , मूल्य-वृद्धि की ४ ० प्रतिशत राशि देना अनिवार्य होगा।
- उनके बयानों से जो निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं , वे भी कम चौंकाने वाले नहीं कि क्या बढ़ते दबाव को देखते हुए सरकार पेट्रोलियम मूल्य-वृद्धि से हाथ खींच सकती है ? आगे का यही सबसे बड़ा सवाल है !
- देहरादून : प्रदेश मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष डा . देवेन्द्र भसीन ने कहा कि एक कांग्रेस विधायक से मंत्री आवास पर अवैध कब्जा हटाने का विरोध करने वाले कांग्रेस नेता यदि पैट्रोलियम पदार्थों की मूल्य-वृद्धि के खिलाफ दिल्ली मेंकेंद्र सरकार के विरूद्ध आंदोलन करें तो बेहतर होगा।
- कीमतों में वृद्धि की संरचना केअध्ययन से स्पष्ट हो जाता है कि कोयले के मामले में मूल्य-वृद्धि अन्यनिर्मित वस्तुओं की कीमतों की तुलना मे निश्चय ही कम नहीं रही; कोयले कीकीमतों में वृद्धि ( १९६१-६२ में १०० मान कर) का सूचकांक १९७० में १६४ थाजब कि उद्योगों में निर्मित अन्य सभी माल का १५१.
- उन्होंने पच्चीससाल पहले बीस फिट का रावण यह सोचकर बनाया था कि उनका रावण आतंकवाद , साम्प्रदायिकता , जातिवाद , अहंकार , वैमनस्य , कन्याभ्रूण हत्या , दहेज प्रथा , अशिक्षा , बढ़ती जनसंख्या , बेरोज़गारी , मूल्य-वृद्धि , राजनीति का अपराधीकरण , भ्रष्टाचार , मिलावटखोरी , जमाखोरी और असमानता जैसी बुराइयों से बना है।
- उन्होंने पच्चीससाल पहले बीस फिट का रावण यह सोचकर बनाया था कि उनका रावण आतंकवाद , साम्प्रदायिकता , जातिवाद , अहंकार , वैमनस्य , कन्याभ्रूण हत्या , दहेज प्रथा , अशिक्षा , बढ़ती जनसंख्या , बेरोज़गारी , मूल्य-वृद्धि , राजनीति का अपराधीकरण , भ्रष्टाचार , मिलावटखोरी , जमाखोरी और असमानता जैसी बुराइयों से बना है।
- आर्थिक और सामाजिक विकास में क्षेत्रीय असमानता , मूल्य-वृद्धि , गरीबी , बेरोजगारी , निरक्षरता , सामाजिक सुविधाओं के अभाव और जीवन में अनिश्चय की स्थिति ने हमारी मानवतावादी परम्पराओं को दबोच लिया है , क्योंकि शासक वर्ग भ्रष्टाचार की कीचड़ में डूबा हुआ है और मध्य वर्ग को सम्पन्नता के मोहक जाल में फंसाए जा रहा है।