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मिलन यामिनी meaning in Hindi

pronunciation: [ milen yaamini ]
मिलन यामिनी meaning in English

Examples

  1. तेरा हार ( 1932) मधुशाला (1935) मधुबाला (1936) मधुकलश (1937) निशा निमंत्रण (1938) एकांत संगीत (1939) आकुल अंतर (1943) सतरंगिनी (1945) हलाहल (1946) बंगाल का काव्य (1946) खादी के फूल (1948) सूत की माला (1948) मिलन यामिनी (1950) प्रणय पत्रिका (1955) धार के इधर उधर (1957) आरती और अंगारे (1958) बुद्ध और नाचघर (1958) त्रिभंगिमा (1961) चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962) दो चट्टानें (1965) बहुत दिन बीते (1967)
  2. इनमें से बहुत से नाम ऐसे है जो प्रसिद्ध साहित्यकारों की रचनाओं के नाम है जैसे -रसवन्ती - रामधारी सिंह दिनकर , गुंजन - सुमित्रानन्दन पंत, सांध्य गीत - महादेवी वर्मा, मिलन यामिनी - हरिवंश राय बच्चनसच कहें तो ये नाम कभी-कभी कार्यक्रम की प्रकृति से मेल नहीं खाते थे जैसे मिलन यामिनी, इस कर्यक्रम में एक कहानी को संवाद के साथ प्रस्तुत किया जाता था और साथ ही मेल खाते फ़िल्मी गीत बजते थे।
  3. इनमें से बहुत से नाम ऐसे है जो प्रसिद्ध साहित्यकारों की रचनाओं के नाम है जैसे -रसवन्ती - रामधारी सिंह दिनकर , गुंजन - सुमित्रानन्दन पंत, सांध्य गीत - महादेवी वर्मा, मिलन यामिनी - हरिवंश राय बच्चनसच कहें तो ये नाम कभी-कभी कार्यक्रम की प्रकृति से मेल नहीं खाते थे जैसे मिलन यामिनी, इस कर्यक्रम में एक कहानी को संवाद के साथ प्रस्तुत किया जाता था और साथ ही मेल खाते फ़िल्मी गीत बजते थे।
  4. सतरंगिनी / हरिवंशराय बच्चन (1945) हलाहल / हरिवंशराय बच्चन (1946) बंगाल का काल / हरिवंशराय बच्चन (1946) खादी के फूल / हरिवंशराय बच्चन (1948) सूत की माला / हरिवंशराय बच्चन (1948) मिलन यामिनी / हरिवंशराय बच्चन (1950) प्रणय पत्रिका / हरिवंशराय बच्चन (1955) धार के इधर उधर / हरिवंशराय बच्चन (1957) आरती और अंगारे / हरिवंशराय बच्चन (1958) बुद्ध और नाचघर / हरिवंशराय बच्चन (1958) त्रिभंगिमा / हरिवंशराय बच्चन (1961) चार खेमे चौंसठ खूंटे / हरिवंशराय बच्चन (1962)
  5. इनमें से बहुत से नाम ऐसे है जो प्रसिद्ध साहित्यकारों की रचनाओं के नाम है जैसे - रसवन्ती - रामधारी सिंह दिनकर , गुंजन - सुमित्रानन्दन पंत , सांध्य गीत - महादेवी वर्मा , मिलन यामिनी - हरिवंश राय बच्चन सच कहें तो ये नाम कभी-कभी कार्यक्रम की प्रकृति से मेल नहीं खाते थे जैसे मिलन यामिनी , इस कर्यक्रम में एक कहानी को संवाद के साथ प्रस्तुत किया जाता था और साथ ही मेल खाते फ़िल्मी गीत बजते थे।
  6. इनमें से बहुत से नाम ऐसे है जो प्रसिद्ध साहित्यकारों की रचनाओं के नाम है जैसे - रसवन्ती - रामधारी सिंह दिनकर , गुंजन - सुमित्रानन्दन पंत , सांध्य गीत - महादेवी वर्मा , मिलन यामिनी - हरिवंश राय बच्चन सच कहें तो ये नाम कभी-कभी कार्यक्रम की प्रकृति से मेल नहीं खाते थे जैसे मिलन यामिनी , इस कर्यक्रम में एक कहानी को संवाद के साथ प्रस्तुत किया जाता था और साथ ही मेल खाते फ़िल्मी गीत बजते थे।
  7. इनमें से बहुत से नाम ऐसे है जो प्रसिद्ध साहित्यकारों की रचनाओं के नाम है जैसे - रसवन्ती - रामधारी सिंह दिनकर , गुंजन - सुमित्रानन्दन पंत , सांध्य गीत - महादेवी वर्मा , मिलन यामिनी - हरिवंश राय बच्चन सच कहें तो ये नाम कभी-कभी कार्यक्रम की प्रकृति से मेल नहीं खाते थे जैसे मिलन यामिनी , इस कर्यक्रम में एक कहानी को संवाद के साथ प्रस्तुत किया जाता था और साथ ही मेल खाते फ़िल्मी गीत बजते थे।
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