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मात्रिक छन्द meaning in Hindi

pronunciation: [ maaterik chhend ]
मात्रिक छन्द meaning in English

Examples

  1. मुक्त वृत्तात्मक कविताएँ आख्यान प्रधान हैं तो मुक्तगीत चित्रण प्रधान और मात्रिक छन्द में लिखी गयी कविताओं में भाव और कल्पना की प्रधानता देखी जा सकती है।
  2. मुक्त वृत्तात्मक कविताएँ आख्यान प्रधान हैं तो मुक्तगीत चित्रण प्रधान और मात्रिक छन्द में लिखी गयी कविताओं में भाव और कल्पना की प्रधानता देखी जा सकती है।
  3. आल्हा या वीर छन्द अर्द्धसम मात्रिक छन्द है , जिसके हर पद ( पंक्ति ) में क्रमशः १ ६ - १ ६ मात्राएँ , चरणान्त क्रमशः दीर्घ-लघु होता है।
  4. दो चरणों के इस मात्रिक छन्द के प्रत्येक चरण में उन्नीस मात्राएं होती हैं व 12 - 7 पर यति होती है , एवं चरणान्त में पताका यानि गुरु-लघु होते हैं।
  5. संस्कृत या हिन्दी में वर्णिक अथवा मात्रिक छन्द रचना का सृजन तब तक दोषपूर्ण और निरर्थक ही रहेगा , जब तक वह छंदमुक्ति अथवा अतुकान्त काव्य की सृजनशीलता का ढोंग करता रहेगा।
  6. छन्दों के भेद : छन्द मुख्यतः दो प्रकार के हैं : 1 ) मात्रिक और 2 ) वार्णिक 1 ) मात्रिक छन्द : मात्रिक छन्दों में मात्राओं की गिनती की जाती है ।
  7. जवाब - ऐसा है कि गीत की पहली शर्त है कि वह गाया जा सकें और गेयता के लिये वार्षिक या मात्रिक छन्द उतना महत्वपूर्ण नहीं है , जितना कि लय महत्वपूर्ण है .
  8. कविता में जो रिदम है वह उसके भावों का रिदम है , वह गतिमयता हैतो इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप मात्रिक छन्द लिख रहे हैं,तुकांत लिख रहे हैं या अतुकांत लिख रहे हैं ।
  9. कविता में जो रिदम है वह उसके भावों का रिदम है , वह गतिमयता हैतो इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप मात्रिक छन्द लिख रहे हैं , तुकांत लिख रहे हैं या अतुकांत लिख रहे हैं ।
  10. सार , विष्णुपाद , रोला , ताटंक , लावनी अनेक मात्रिक छन्द ग़ज़लों में मिल जाएंगे जैसे मुतकारिब बहर और भुजंगप्रयात , स्त्रग्विणि और बहरे-मुतदारिक , विधाता औ हज़ज आदि अनेक उदाहरण मात्रिक छन्दों और ग़ज़लों में मिल जाते हैं।
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