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बेपेंदी का लोटा meaning in Hindi

pronunciation: [ bepenedi kaa lotaa ]
बेपेंदी का लोटा meaning in English

Examples

  1. भारत में पूँजीवाद और सामंतवाद के फ्यूजन के बीच शिक्षा बेपेंदी का लोटा है इसे टिकाया जाये तो कहाँ ? वर्तमान उच्च शिक्षा का पिता मैकाले है।
  2. बेपेंदी का लोटा जैसी कहावत पर अगर गौर करें और लुट् में निहित लुढ़कने की क्रिया को महत्वपूर्ण मानें तो लुट् से लोटा की व्युत्पत्ति सही नज़र आती है।
  3. बेपेंदी का लोटा जैसी कहावत पर अगर गौर करें और लुट् में निहित लुढ़कने की क्रिया को महत्वपूर्ण मानें तो लुट् से लोटा की व्युत्पत्ति सही नज़र आती है।
  4. अगर धर्मनिरपेक्ष ताकतें दबाव पैदा करें जनता को लामबंद करें तो राज्य उनकी तरफ झुक सकता है क्योंकि वह तो ‘ बेपेंदी का लोटा ' है , पता नहीं कब किधर लुढ़क जाए।
  5. जिन कुछ लोगों ने बधाई दी है उनको हमेशा बेपेंदी का लोटा ही कहा जाता रहा है जिनमें फिल्म निर्माता महेश भट्ट जैसे बेपेंदी के लोटे हर जगह मौजूद हैं सभी जानते हैं कि सानिया पाकिस्तान या दुबई में रहकर भारत एवं भारतीयों के बारे में क्या भावना रख पाएगी।
  6. अफ़सोस की बात है कि बनवारीलाल जैसा बेपेंदी का लोटा सीमित संसाधनों वाले इन नौजवानों से तब तक जोंक की तरह चिमटा रहा जब तक की वह इनका रुधिरपान कर सकता था और बाद मैं उस जैसे मौकापरस्तों की गवाही ही इन शहीदों के प्राणांत का माध्यम बनी . धन्यवाद !
  7. वैसे मैं तो हुसेन साहब को यह याद दिलाना चाहूंगी कि कई क्रूशल मुद्दों पर देश की सरकारों का यह बेपेंदी का लोटा वाला , न इधर का न उधर का , सबको ( हिंदु , मुसलमान , सिख , ईसाई ) खुश करने की कोशिश वाला रवैया नया नहीं है।
  8. तबियत ठीक नहीं है , हुआ क्या है, ये भी नहीं पता, बस मन ठीक नहीं है, कुछ भी लिखने पढ़ने का मन नहीं हो रहा है, लेकिन देश के हालात, घटिया केंद्र सरकार, उससे भी घटिया प्रधानमंत्री, नाम के विपरीत आचरण वाली ममता बनर्जी, बेपेंदी का लोटा टाइप पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी, मनमोहन सि...
  9. त बियत ठीक नहीं है , हुआ क्या है , ये भी नहीं पता , बस मन ठीक नहीं है , कुछ भी लिखने पढ़ने का मन नहीं हो रहा है , लेकिन देश के हालात , घटिया केंद्र सरकार , उससे भी घटिया प्रधानमंत्री , नाम के विपरीत आचरण वाली ममता बनर्जी , बेपेंदी का लोटा टाइप पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी , मनमोहन सिंह से ज्यादा मजबूर मुलायम सिंह यादव और ढाक के तीन पात निकले उनके बेटे अखिलेश यादव ।
  10. त बियत ठीक नहीं है , हुआ क्या है , ये भी नहीं पता , बस मन ठीक नहीं है , कुछ भी लिखने पढ़ने का मन नहीं हो रहा है , लेकिन देश के हालात , घटिया केंद्र सरकार , उससे भी घटिया प्रधानमंत्री , नाम के विपरीत आचरण वाली ममता बनर्जी , बेपेंदी का लोटा टाइप पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी , मनमोहन सिंह से ज्यादा मजबूर मुलायम सिंह यादव और ढाक के तीन पात निकले उनके बेटे अखिलेश यादव ।
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