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बृहदारण्यक उपनिषद् meaning in Hindi

pronunciation: [ berihedaarenyek upenised ]
बृहदारण्यक उपनिषद् meaning in English

Examples

  1. बृहदारण्यक उपनिषद् में बताया गया है कि दक्ष प्रजापति ने देवता , मनुष्य और राक्षसों के सामने एक अक्षर द का उच्चारण किया ।
  2. मनुष्य किस तरह मरता है और पुन : जन्म लेता है इसे बृहदारण्यक उपनिषद् में कई उदाहरणों से स्पष्ट किया गया है .
  3. बृहदारण्यक उपनिषद् में याज्ञवल्क्य अपनी समस्त पार्थिव सम्पत्ति को अपनी दो पत्नियों कात्यायनी और मैत्रेयी में विभाजित करने का प्रस्ताव रखते हैं .
  4. बृहदारण्यक उपनिषद् में बताया गया है कि दक्ष प्रजापति ने देवता , मनुष्य और राक्षसों के सामने एक अक्षर द का उच्चारण किया ।
  5. बृहदारण्यक उपनिषद् के अनुसार मेघगर्जना रूपी दैवी वाक् कामी , क्रोधी और लोभी स्वभाव वालों के लिए एक ही संदेश द द द देती है .
  6. बृहदारण्यक उपनिषद् का एक श्लोक “आत्मानं चेद्विजानीयात . .....” (४.४.१२) ज्ञानी की इस स्थिति का वर्णन करता है और यह २९८ श्लोकों का अध्याय उसी एक श्लोक की व्याख्या करता है।
  7. महर्षि याज्ञवल्क्य बृहदारण्यक उपनिषद् में कहते हैं- जो ब्रह्म को प्राप्त है उसको वह अनन्त असीम , अचिंत्य आनन्द प्राप्त है जिसकी किसी के साथ तुलना नहीं हो सकती।
  8. जबकि भारतीय मनीषियों ने काम , अर्थ और यश को ( पुत्रैषणा , वित्तैषणा , लोकैषणा - ‘ बृहदारण्यक उपनिषद् ' ) प्रेरक शक्तियाँ माना अवश्य है ; किन्तु इन्हें उच्च स्थान नहीं दिया है।
  9. वाणी का महत्व : बृहदारण्यक उपनिषद् में राजा जनक महर्षि याज्ञवल्क्य से पूछते हैं- जब सूर्य अस्त हो जाता है, चंद्रमा की चांदनी भी नहीं रहती और आग भी बुझ जाती है, उस समय मनुष्य को प्रकाश देने वाली कौन-सी वस्तु है?
  10. वाणी का महत्व : बृहदारण्यक उपनिषद् में राजा जनक महर्षि याज्ञवल्क्य से पूछते हैं- जब सूर्य अस्त हो जाता है, चंद्रमा की चांदनी भी नहीं रहती और आग भी बुझ जाती है, उस समय मनुष्य को प्रकाश देने वाली कौन-सी वस्तु है?
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