बृहदारण्यकोपनिषद् meaning in Hindi
pronunciation: [ berihedaarenyekopenised ]
Examples
- 22 -बृहदारण्यकोपनिषत्सम्बन्धभाष्यवार्तिकम्-प्रथम ( संस्कृत ) बृहदारण्यकोपनिषद् के सम्बन्धभाष्य का सुरेश्वरकृत वार्तिक ; संस्कृत ‘ शास्त्रप्रकाशिका ' व्याख्या : आनन्दगिरि सम्पादक : एस॰ सुब्रह्मण्य शास्त्री पुनर्मुद्रणाधीन भगवत्पाद शंकराचार्य द्वारा बृहदारण्यकोपनिषद्भाष्य के प्रारम्भ में भूमिका के रूप में लिया गया अंश सम्बन्ध भाष्य कहलाता है।
- बृहदारण्यकोपनिषद् का गार्गी-याज्ञवल्क्य संवाद प्रसिद्ध है , जिसमें गार्गी याज्ञवल्क्य से शास्त्रार्थ करते हुये ब्रह्मविद्या से सम्बन्धित ऐसे-ऐसे प्रश्न पूछती हैं कि वे परेशान होकर कह उठते हैं कि इससे आगे प्रश्न करने पर तुम्हारा सर धड़ से अलग हो जायेगा ( कुछ व्याख्याकारों के अनुसार याज्ञवल्क्य ने गार्गी को सर काटने की धमकी दी थी).
- जिन्होंने 1987 में प्रकाशित उनका 710 पृष्ठों का बृहद् ग्रंथ ‘ रूंख ' देखा है , वे जानते हैं कि इस ग्रंथ में बृहदारण्यकोपनिषद् के एक श्लोक तथा भवभूति की एक कविता के बाद जिस रचना को सबसे पहले जगह मिली है वह रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी ‘ स्त्रीरेर पत्र ' ( स्त्री का पत्र ) है।
- बृहदारण्यकोपनिषद् का गार्गी-याज्ञवल्क्य संवाद प्रसिद्ध है , जिसमें गार्गी याज्ञवल्क्य से शास्त्रार्थ करते हुये ब्रह्मविद्या से सम्बन्धित ऐसे-ऐसे प्रश्न पूछती हैं कि वे परेशान होकर कह उठते हैं कि इससे आगे प्रश्न करने पर तुम्हारा सर धड़ से अलग हो जायेगा ( कुछ व्याख्याकारों के अनुसार याज्ञवल्क्य ने गार्गी को सर काटने की धमकी दी थी ) .