×

बृहदारण्यकोपनिषद meaning in Hindi

pronunciation: [ berihedaarenyekopenised ]
बृहदारण्यकोपनिषद meaning in English

Examples

  1. बृहदारण्यकोपनिषद के इस ब्राह्मण में “ ब्रह्म ” के सम्पूर्ण रूप का विवरण प्रस्तुत किया गया है .
  2. बृहदारण्यकोपनिषद के इस पांचवें ब्राह्मण में याज्ञवल्क्य एवं मैत्रेयी के मध्य होने वाले संवादों में आत्मतत्त्व मुख्य विषय है .
  3. बृहदारण्यकोपनिषद के दूसरे ब्राह्मण में पंचाग्नि विद्या के महत्व उसके फल बोध को जानने का प्रयास किया गया है .
  4. बृहदारण्यकोपनिषद ( 3.6 और 3.8 ) के अनुसार राजा जनक ने एक हजार गायों की शर्त पर शास् त्रार्थ रखा।
  5. बृहदारण्यकोपनिषद के तृतीय अध्याय में नौ ब्राह्मण हैं जो प्रश्नोत्तर द्वारा अनेक रहस्यात्म तथ्यों पर विचार विमर्श प्रस्तुत करते हैं .
  6. बृहदारण्यकोपनिषद के तीसरे ब्राह्मण में याज्ञवल्क्य ऋषि एवं राजा जनक के मध्य आत्मा के स्वरूप पर विशद विवेचन प्रस्तुत किया गया है .
  7. बृहदारण्यकोपनिषद के इस ब्राह्मण में उक्थ जिसे स्तोत्र कहा जाता है की प्राण रूप में उपासना करने को व्यक्त किया गया है .
  8. दो शब्दों के मेल द्वारा ही इसका नाम बृहदारण्यकोपनिषद पडा़ है बृहत यानी के बडा़ तथा आरण्यक यानी के वन अर्थात बृहदारण्यकोपनिषद .
  9. दो शब्दों के मेल द्वारा ही इसका नाम बृहदारण्यकोपनिषद पडा़ है बृहत यानी के बडा़ तथा आरण्यक यानी के वन अर्थात बृहदारण्यकोपनिषद .
  10. बृहदारण्यकोपनिषद ” में मानव जाति के चारों वर्णों की उत्पत्ति का आधार ब्रह्मा द्वारा रचित देवताओं के चार वर्ण बताए गए हैं।
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.