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बहुबल meaning in Hindi

pronunciation: [ bhubel ]
बहुबल meaning in English

Examples

  1. और दुर्भाग्य से सभी शिक्षा ( अंग्रेजी और आधुनिक ) पर अमूमन क्रिश्चन पंथ का ही कब्जा है तो जिस चश्मे से उसने देखा और दुनिया को बताया तो सारी दुनिया ने पैसे के और बहुबल की वजह से उसे स्वीकार किया और माना है .
  2. अगर उद्योगपति अपनी अकूत दौलत की बदौलत , कोई अपराधी अपने बहुबल की तर्ज पर और कोई पत्रकार - लेखक अपनी कलम बेचकर संसद या विधान सभाओ में ' जनप्रतिनिधि ' का दर्जा पाने की कोशिश करता है तो इनमे से किसे अलग और एक आदर्श के तौर पर देखा जाये ???
  3. इस बार भारत निर्वाचन आयोग ने धनबल और बहुबल के जरिये चुनाव जीतने वालों की अच्छी खबर ली है . ...ऐसी व्यापक और कारगर रणनीति बनी है कि कालेधन की आवाजाही और बाहुबल के प्रदर्शन से मत हासिल करना अब टेढ़ी खीर है ...इस बारे में भारत निर्वाचन की तैयारियों का एक जायजा आप भी लीजिये ...
  4. वंदे मातरम् वंदे मातरम् सुजलाम् , सुफलाम् मलयज शीतलाम् शस्य श्यामलाम् मातरम् वंदेऽऽऽऽऽमाऽऽऽऽऽतरम्॥ शुभ्र ज्योत्सनाम् पुलकित यामिनीम् फुल्ल कुसुमित द्रुमदल शोभनीम् सुहासिनीम्, सुमधुर भाषिणीम् सुखदाम् वरदाम्, मातरम् वंदेऽऽऽऽऽमाऽऽऽऽऽतरम्॥ त्रिशं कोटि कण्ठ कलकल निनाद करल, द्वित्रिशं कोटि भुजैधृत, खर कलवाले केवल माँ तुमि अवले बहुबल धारणीम् नमामि तारिणीम्, रिपुदल वादिणीम्, मातरम्, वंदेऽऽऽऽऽमाऽऽऽऽऽतरम्॥ श्यामलाम्-सरलाम् सुस्मिताम् भूषिताम् घरणीम् भरणीम्, मातरम् वंदेऽऽऽऽऽमाऽऽऽऽऽतरम्॥ फिल्म 'आनंदमठ' सन् 1952 में आई थी।
  5. चुनाव में धनबल और बहुबल का औचित्य ajaypandey641@gmail . com submitted on blog contest 2012 इस विषय पर में विस्तार से न कहते हुए एक व्यंग्य काव्य के रूप में अपने विचार प्रस्तुत कर रहा हूँ जय मतदान जय घमासान धनबल और बहुबल से बनो महँ सत्य अहिंसा का मिटे नामोनिशान तभी बनेगा देश महान अजय पाण्डेय क ४ / ५ ६ गली नंबर २ ७ वेस्ट घोंडा गंगोत्री विहार डेल्ही ११ ०० ५ ३
  6. चुनाव में धनबल और बहुबल का औचित्य ajaypandey641@gmail . com submitted on blog contest 2012 इस विषय पर में विस्तार से न कहते हुए एक व्यंग्य काव्य के रूप में अपने विचार प्रस्तुत कर रहा हूँ जय मतदान जय घमासान धनबल और बहुबल से बनो महँ सत्य अहिंसा का मिटे नामोनिशान तभी बनेगा देश महान अजय पाण्डेय क ४ / ५ ६ गली नंबर २ ७ वेस्ट घोंडा गंगोत्री विहार डेल्ही ११ ०० ५ ३
  7. चुनावों में पैसे और बहुबल , जाती और समुदाय तथा क्षेत्रीयता के बड़ते प्रभाव ने भी मतदाताओं के भटकाव को बढावा ही दिया है , राजनैतिक दलों का केवल चुनाव जितने तक सिमित रहने का दृष्टिकोण इस आग में घी का काम कर रहा है | आज अवस्था ये है कि प्रायः सभी राजनैतिक दल चुनाव के लिए उमीदवार घोषित करते समय उम्मेदवार की योग्यता और कार्य क्षमता को केवल और केवल चुनाव जीत सकने के आधार पर तय करते हैं |
  8. थे सीधे- सादे हावभाव , लेकिन अदम्य उनका प्रभाव, वह सहज, सरल, निर्मल मन का, विश्वास अटल, बहुबल तन का, वह आर्य चला था युग रचने, उसके थे नयन में कई सपने, वह सकल विश्व का संचालक, बस दीखता था चंचल बालक, उसका मकसद छा जाना था, निज देश वरिष्ठ बनाना था, जो मानवता का गीत बना, जो संस्कृति का संगीत बना, हर इक मन का मनप्रीत बना, जो सबकी निश्चित जीत बना, है उसी विवेकानंद की जय, मन बोल विवेकानंद की जय, युगपुरुष विवेकानंद की जय।
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