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फिक्रमन्द meaning in Hindi

pronunciation: [ fikermend ]
फिक्रमन्द meaning in English

Examples

  1. झिझकते हुए दबे स्वर में कहा था उसने , ‘‘माँ मेरी बेहयाई न समझें और न मुझे चाव-रुचि है ब्याह में लेकिन आप ही मेरे ब्याह के लिए रात-दिन फिक्रमन्द रहती हैं और कहीं न कहीं तो मेरा व्याह करेंगी ही तो यहाँ क्यों नहीं?”
  2. इसमें कहीं दो राय नहीं है कि प्रदेश में विकास , खुशहाली व अमन बहाली के लिए सी 0 एम 0 साहब फिक्रमन्द नहीं हैं बल्कि वो इसके लिए बाकायदा जीतोड़ मेहनत भी कर रहे हैं बावजूद इसके मामला पटरी पर आत नहीं दिख रहा है।
  3. आप इतने फिक्रमन्द थे कि “ मो सम ( लेखक ) कौन ? ” सो पूजा जी ने बिल्कुल आपका जैसा लेख लिखकर बता दिया कि आप सम कौन ? जाके शुक्रिया अदा कर सकते हैं मगर मुझे शक है कि वे टिप्पणी पढेंगी या उन्हें यह पता भी होगा कि उन्होने जो किया वह सही बात नहीं है।
  4. शिवनाथ नदी देश का पहला पानी के निजीकरण का और हर प्रकार के दोहन का उदाहरण है इसके लिये कैलाश सोनी से लेकर ग्रामीणों और सम्बन्धित तमाम फिक्रमन्द लोगो को इस पर गौरांन्वित होने कि जरूरत नही है और समय समय पर इस मुद्दे को जिन्दा रखना शायद उतना जरूरी नही है , जितना कि शिवनाथ नदी को मरने से बचाने की है।
  5. शिवनाथ नदी देश का पहला पानी के निजीकरण का और हर प्रकार के दोहन का उदाहरण है इसके लिये कैलाश सोनी से लेकर ग्रामीणों और सम्बन्धित तमाम फिक्रमन्द लोगो को इस पर गौरांन्वित होने कि जरूरत नही है और समय समय पर इस मुद्दे को जिन्दा रखना शायद उतना जरूरी नही है , जितना कि शिवनाथ नदी को मरने से बचाने की है।
  6. दवा ढूंढता रह गया यारों , अंधेरे में हकीम सा हुक्का पानी बन्द हुआ है दूध मलाई लड्डू बरफीरसगुल्ला कलाकन्द हुआ हैशोर मचाओ ऐ दिलवालोंहुक्का पानी बन्द हुआ हैनैनों के नज़राने गयेखूश्बू के अफ़साने गयेखोया सोया रोया धोयामिलने पे प्रतिबन्ध हुआ हैदिन दोपहरी रात का मंज़रतीर चलाये मारे खंज़रदिल को है तारीख पे जानावक्त का बडा पाबन्द हुआ हैदुनियां दुनियां दुश्मन दुश्मनदुनियां दुनियां दुश्मन दुश्मनजां फंसी है, एक पंछीउडने को फिक्रमन्द हुआ है हंसते हंसते रात हुई है.
  7. तब मि याँ के किसी दूसरी औरत के हाथ पड ज़ाने से भी ज्यादा फिक्रमन्द वो इसी घर और माल-पत्ते की मिल्कियत को लेकर होती है , वरना साले मरदों की क्या औकात , अगर मर्दों को औरतें बहुत हैं , तो औरतों को कौन मरदों की कमी है और फिर मैं तो अभी भी पर फिर ना जाने क्या सोच के आँखों में आँसू भर लाती ? नजर आंगन में लेटे बच्चों पर उठती तो जवाब मिल जाता ।
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