प्रदीपिका meaning in Hindi
pronunciation: [ perdipikaa ]
Examples
- तो भी आईये हम “ हठ योग प्रदीपिका ” पर नज़र डालकर देखें कि सत्य क्या है।
- इन षट्कर्म के द्वारा मिलने वाले लाभ का वर्णन ' हठयोग प्रदीपिका' में इस प्रकार किया गया है:
- इसका आरंभिक स्वरूप हिन्दू ग्रंथों - महाभारत , उपनिषदों, पतञ्जलि के योगसूत्र तथा हठयोग प्रदीपिका में मिलता है ।
- हठयोग प्रदीपिका ' तथा ' घेरंड संहिता ' में कुण्डलिनी शक्ति के विषय में वर्णन किया गया है।
- इनमें अनंगरंग , कंदर्प, चूड़ामणि, कुट्टिनीमत, नागर सर्वस्व, पंचसायक, रतिकेलि कुतूहल, रतिमंजरी, रहिरहस्य, रतिरत्न प्रदीपिका, स्मरदीपिका, श्रृंगारमंजरी आदि प्रमुख हैं.
- वर्तमान काल मे इस विष्य पर जो ग्रन्थ प्राप्त होते है उन मे हठ योग प्रदीपिका , योग दर्शन, गोरख
- हठयोग प्रदीपिका में कहा कि जब तक शरीर में प्राणादि वायु स्थित हैं तभी तक जीव का जीवन है।
- रत्न प्रदीपिका - रत्न प्रदीपिका ग्रंथ में हीरों , मोतियों तथा अन्य नगीनों की विस्तरित जानकारी दी गयी है।
- रत्न प्रदीपिका - रत्न प्रदीपिका ग्रंथ में हीरों , मोतियों तथा अन्य नगीनों की विस्तरित जानकारी दी गयी है।
- घेरण्ड संहिता ' और ' हठयोग प्रदीपिका ' दोनों में इस प्राणायाम के अभ्यास की अलग-अलग विधियां बताई गई हैं।