पिंगला नाड़ी meaning in Hindi
pronunciation: [ pinegalaa naadei ]
Examples
- इड़ा नाड़ी और पिंगला नाड़ी में प्रवाहित ह और ठ को चांद और सूरज के नाम से जाना जाता है।
- इंगला और पिंगला नाड़ी सुख , प्रसन्नता आदि के लिए हैं तो सुषुम्ना नाड़ी आनन्द और शान्ति के लिए नियत की गई है।
- ' ह' हकार अर्थात् दायां नासिका स्वर, जिसे पिंगला नाड़ी भी कहते हैं और 'ठ' ठकार अर्थात् बायां नासिका स्वर, जिसे इड़ा नाड़ी कहते हैं।
- शरीर में दाईं ओर झड़ा और बांईं ओर पिंगला नाड़ी होती है तथा मस्तिष्क पर त्रिकुटि के स्थान पर शुष्मना का होना पाया जाता है।
- बाईं नासिका को बायां स् वर या चंद्र अथवा इडा नाड़ी और दाईं नासिका को दायां स् वर या सूर्य अथवा पिंगला नाड़ी कहा जाता है।
- ग्रहस्थ वर्ग के लिए इंगला नाड़ी और पिंगला नाड़ी नियत है परन्तु योगी-यति , ऋषि-महर्षि , सन्त-महात्मा आदि के लिए सुषुम्ना नाड़ी ही नियत की गयी है।
- बुधवार , गुरुवार , शुक्रवार और सोमवार को इडा नाड़ी सूर्योदय से चलनी चाहिए , रविवार , शनिवार और मंगलवार को पिंगला नाड़ी सूर्योदय से चलनी चाहिए।
- हम जिस तरीके और वातावरण में श्वास लेते हैं उसे हमारी इड़ा और पिंगला नाड़ी ही पूर्ण रूप से सक्रिय नहीं हो पाती तो सुषुम्ना कैसे होगी।
- इड़ा नाड़ी शरीर के बायीं तरफ स्थित है तथा पिंगला नाड़ी दायीं तरफ अर्थात इड़ा नाड़ी में चंद्र स्वर और पिंगला नाड़ी में सूर्य स्वर स्थित रहता है।
- इड़ा नाड़ी शरीर के बायीं तरफ स्थित है तथा पिंगला नाड़ी दायीं तरफ अर्थात इड़ा नाड़ी में चंद्र स्वर और पिंगला नाड़ी में सूर्य स्वर स्थित रहता है।