पसीना निकलना meaning in Hindi
pronunciation: [ pesinaa nikelnaa ]
Examples
- एएनएस का प्रभाव ह्रदय गति , पाचन क्रिया, श्वांस गति, लार निकलना, पसीना निकलना, आंख की पुतलियों का व्यास, मिक्टूरीशन (मूत्र), तथा यौन उत्तेजना पर पड़ता है.
- [ 1] एएनएस का प्रभाव ह्रदय गति, पाचन क्रिया, श्वांस गति, लार निकलना, पसीना निकलना, आंख की पुतलियों का व्यास, मिक्टूरीशन (मूत्र), तथा यौन उत्तेजना पर पड़ता है.
- अधिकतर रक्त विकार , हृदय रोग, उदर विकार, पांवों से पसीना निकलना, शीतरोग एवं मानसिक उतावली के कारण बेचैनी, कफ विकार, टाइफाईड़, हिस्टीरिया, संक्रामक रोग, चर्म रोग, जुकाम, चर्बी चढ़ना, नितम्ब एवं पैर में पीड़ा, मूर्छा, कर्ण रोग आदि होते हैं।
- आमाशय से सम्बन्धित लक्षण : - उल्टी आना तथा इसके साथ-साथ भय होना , अधिक गर्मी लगना तथा अधिक पसीना निकलना , पेशाब बार-बार आना , ठण्डे पानी की प्यास लगना , पानी के अलावा हर चीज का स्वाद कड़वा लगना।
- अब फ़िर से चलते है अपनी पहली गौमुख यात्रा पर , वन विभाग के चौक पोस्ट तक तो मार्ग आसान सा ही है लेकिन इससे आगे-आगे जैसे-जैसे मार्ग आगे बढता है, चढाई बढने से शरीर से पसीना निकलना शुरु हो जाता है।
- हथेलियां , पैर और शरीर से पसीना निकलना शुरू होता है और उसमें से बदबू आने लगती है जब आप तनाव में रहते हैं , तो स्ट्रेस हार्मोन , कॉर्टिसोल नामक द्रव निकालने लगता है , तो तीखी बदबू पैदा करता है।
- ३ - भाप बनने पर सिर को ठन्डे पानी में भिगोकर , नंगे वदन कुर्सी पर बैठ जाये एवं गर्दन से नीचे का पूरा शरीर कम्बल से ढक लें | पाइप से भाप निकल कर कम्बल के अन्दर भर जायेगी और शरीर से पसीना निकलना शुरू हो जायेगा |
- 22 निमोनिया : - अगस्त की जड़ की छाल पान में रखकर चूसने से या इसका रस 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से कफ ( बलगम ) निकलने लगता है और पसीना निकलना शुरू हो जाता जिसके फलस्वरूप बुखार धीरे-धीरे कम हो जाता है।
- उदाहरण के लिए , स्कूल ऑफ़ रि-इवैल्युएशन काउंसलिंग कहता है कि विक्षुब्ध करने वाली भावनाओं को “मुक्त” कर के उनसे छुटकारा पाया जा सकता है - जैसे रोना, हँसना, पसीना निकलना, हिलना और चौंकना[21], एक और संज्ञानात्मकता आधारित स्कूल उन्हें संज्ञानात्मक घटकों के द्वारा उनका इलाज़ करने की वकालत करता है, जैसे रेशनल इमोटिव बिहेवियर थेरेपी के द्वारा.
- उदाहरण के लिए , स्कूल ऑफ़ रि-इवैल्युएशन काउंसलिंग कहता है कि विक्षुब्ध करने वाली भावनाओं को “मुक्त” कर के उनसे छुटकारा पाया जा सकता है - जैसे रोना, हँसना, पसीना निकलना, हिलना और चौंकना, एक और संज्ञानात्मकता आधारित स्कूल उन्हें संज्ञानात्मक घटकों के द्वारा उनका इलाज़ करने की वकालत करता है, जैसे रेशनल इमोटिव बिहेवियर थेरेपी के द्वारा.