निस्सहायता meaning in Hindi
pronunciation: [ niseshaayetaa ]
Examples
- अशोक कुमार पांडे जी के लिखे में बहुत कुछ निहित होता है . ..और होती है उनकी संबद्ध मानवीय संवेदनाएं.अपनी संवेदनाओं को वे ज़ाया नहीं होने देते...विकट परिस्थितियों से जूझते लोगों की निस्सहायता को शब्द देते हैं.
- ऐसा बिरला ही दर्शक होगा जिसके मन में ईरानी की बेवकूफी पर गुस्सा , घृणा और अपनी निस्सहायता का भाव एक साथ न आया होगा और उसने सोचा न होगा , ” ऐ मूर्ख इंसान तू गुस्से में क्या कर रहा है ? ”
- पुरुष अपनी निस्सहायता में कुछ भी नहीं कर सका , उसकी प्रार्थना और भी आतुर , और भी विकल , और भी उत्सर्गमयी हो गयी , और जब वह स्त्री का दुःख नहीं देख सका , तब उसने नेत्र खूब ज़ोर से मींच लि ए. ..
- हम गलतियां करते रहें और क्षमा मांगते रहें यह भी गलत है और उससे भी ज़्यादा गलत यह होगा कि सिर्फ स्वार्थ के लिए किसी भी धर्म , वाद या विचार के नाम पर आसुरी शक्तियां निर्दोषों का खून बहाती रहें और हम अपनी निस्सहायता, भीरुता या बेरुखी को क्षमा के नाम से महिमामंडित करते रहें.
- हम गलतियां करते रहें और क्षमा मांगते रहें यह भी गलत है और उससे भी ज़्यादा गलत यह होगा कि सिर्फ स्वार्थ के लिए किसी भी धर्म , वाद या विचार के नाम पर आसुरी शक्तियां निर्दोषों का खून बहाती रहें और हम अपनी निस्सहायता , भीरुता या बेरुखी को क्षमा के नाम से महिमामंडित करते रहें .
- कवि अपनी कविता ‘ बाटसारी ' ( राही ) में पापी पेट भरने के लिए अपनी माँ की बात टालकर शहर जाननेवाले राही की निस्सहायता पर सहानुभूतिव्यक् त की हैं - “ बाटसारी कलेबरंतो / शीतवायुवु आडुकुंटोंदि ! / पल्लेटूल्लो तल्लिकेदो / पाडु कललो पेगु कदिलिंदि ! ” ( राही के शरीर से / ठंडी हवा खेलने लगी ! / माँ अपने सपने में / बेचैनी झेलने लगी )
- दर्शक तो जानते हैं कि ईरानी गलत सोच रहा है और जब वह ताले वाले की तरफ पिस्तौल तानकर खड़ा हो जाता है और ताले वाले की बेटी घर के अन्दर से ये देखकर बाहर भाग कर आती है तो सब दर्शकों के मन में ईरानी की बेवकूफी पर गुस्सा , घृणा और अपनी निस्सहायता का भाव एक साथ आया होगा कि गुस्से में क्या कर रहा है तू मूर्ख इन्सान ? बच्ची की माँ उसे रोकती रह जाती है।