नक्षत्रमंडल meaning in Hindi
pronunciation: [ neksetremnedl ]
Examples
- अपने काव्य में शब्दसंयम अर्जित करता यह लेखक गल्पात्मक संकट से अनभिज्ञ रहता है जब उसके किरदार उस सीमा के पार नहीं पहुंचते जहां उन्माद , जुनून और खुमार का नक्षत्रमंडल शुरु होता है .
- इसके नाम को उस आकाश क्षेत्र से लिया गया है जहां यह प्रकट होता है , एंड्रोमेडा नक्षत्रमंडल (जिसे हिन्दी में देवयानी तारामंडल कहते हैं) और जिसका नाम पौराणिक राजकुमारी एंड्रोमेडा के नाम पर रखा गया है.
- जिस लम्हे वे उन अदेखे तत्वों के जन्म से पहले ही उनका जन्माक्षर रच रहे थे , वही तत्व जिन्हें उनके विद्यार्थी बरसों बाद आविष्कृत करने वाले थे, नक्षत्रमंडल में उनका स्थान बड़ी सुघड़ता से निर्धारित कर रहे थे;
- [ 31] अपनी चमक और आकाश में अपनी स्थिति के आधार पर लोग “भालू के संरक्षक” के रूप में (सप्तऋषि से अपनी निकटता के कारण) और नक्षत्रमंडल में अन्य सितारों का नेता होने के कारण लोग सम्मान देते होंगे.
- अंत में यह निश्चय हुआ कि जब तक सृष्टि रहेगी , ध्रुव , सूर्य , पृथ्वी , नक्षत्र रहेंगे , तब तक विश्वामित्र का रचा नक्षत्रमंडल और स्वर्ग भी रहेंगे उस स्वर्ग में त्रिशंकु सशरीर , नतमस्तक विद्यमान रहेंगे।
- अंत में , इन्टरनेट टेक्नोलाजी के रचनात्मक उपयोग का एक उदाहरण द्रष्टव्य है जिसमें एक नक्षत्रमंडल के एक-एक सितारे के चिह्न को क्लिक करने से एक-एक कविता प्रकट होती है ; यो काव्यपाठ किसी रोचक खेल जैसा प्रतीत होने लगता है .
- पर 1990 के बाद से अंतरिक्ष के बारे में जो मानक माडल बना है , इसके अनुसार सभी नक्षत्रमंडल त्वरित गति से ( हालांकि पहले की अनुमानित गति की अपेक्षा धीमी गति से ) एक दूसरे से दूर होते जा रहे हैं।
- उसके पास समय कम है , भयाक्रांत हड़बड़ी में जीता अपने पुरखों की किताबों के वजन तले कुचला जाता वह जल्दी से अधिकाधिक लिख , पढ़ लेना चाहता है , इस प्रक्रिया में उन किताबों के सानिध्य में अधिक समय बिताता है जो उसके लेखकीय नक्षत्रमंडल को आलोकित करती हैं .
- मैंदलीव की सृजनात्मक कल्पना किसी महान उपन्यासकार से कहीं कम थी ? जिस लम्हे वे उन अदेखे तत्वों के जन्म से पहले ही उनका जन्माक्षर रच रहे थे , वही तत्व जिन्हें उनके विद्यार्थी बरसों बाद आविष्कृत करने वाले थे , नक्षत्रमंडल में उनका स्थान बड़ी सुघड़ता से निर्धारित कर रहे थे ; उनका ही एक समवर्ती उनसे कुछ ही दूरी पर एक विवाहित स्त्री के बहाने उन सभी प्रेमिकाओं की नियति गढ़ रहा था जो किसी पगलायी हसरत की पुकार के पीछे बिंधी चली जाती हैं।
- मैंदलीव की सृजनात्मक कल्पना किसी महान उपन्यासकार से कहीं कम थी ? जिस लम्हे वे उन अदेखे तत्वों के जन्म से पहले ही उनका जन्माक्षर रच रहे थे , वही तत्व जिन्हें उनके विद्यार्थी बरसों बाद आविष्कृत करने वाले थे , नक्षत्रमंडल में उनका स्थान बड़ी सुघड़ता से निर्धारित कर रहे थे ; उनका ही एक समवर्ती उनसे कुछ ही दूरी पर एक विवाहित स्त्री के बहाने उन सभी प्रेमिकाओं की नियति गढ़ रहा था जो किसी पगलायी हसरत की पुकार के पीछे बिंधी चली जाती हैं।