छान्दोग्य उपनिषद् meaning in Hindi
pronunciation: [ chhaanedogay upenised ]
Examples
- छान्दोग्य उपनिषद् में भी इसी तरह से कूकर , शूकर , चाण्डाल आदि अशुभ योनियों में जन्म लेता है।
- सामवेद का छान्दोग्य उपनिषद् कहता है कि जिस आनंद को तू खोज रहा है वह आनंद तू ही है।
- छान्दोग्य उपनिषद् ( इतिहास पुराणं पञ्चम वेदानांवेदम् ७ . १ . २ ) ने भी पुराण को वेद कहा है।
- छान्दोग्य उपनिषद् के अनुसार ' आचार्यवान् पुरुषो वेद'-अर्थात आचार्य (गुरु) की सेवा करने वाले को ही यह ज्ञान प्राप्त होता है।
- छान्दोग्य उपनिषद् ६ / ४ / ४ में लिखा हैं की इस सारी सृष्टी का मूल सत्य हैं और सत्य पर ही सब आश्रित हैं .
- छान्दोग्य उपनिषद् कहती है कि वस्तुत : यह समस्त जगत् ब्रह्म है और यह कि हृदय के अन्दर जो यह मेरी आत्मा है , वह ब्रह्म है .
- सन्दर्भ- छान्दोग्य उपनिषद् 3 / 4 महाभारत में यक्ष -युधिष्ठिर संवाद 313 / 108 - 109 में युधिष्ठिर के अनुसार व्यक्ति कूल , स्वाध्याय व ज्ञान से द्विज नहीं बनता अपितु केवल आचरण से बनता हैं।
- छान्दोग्य उपनिषद् के अनुसार यह सारा जगत् निश्चय ही ब्रह्म है ( सर्वं खल्विदं ब्रह्म ) , यह उसी से उत्पन्न होने वाला , उसी में लीन होने वाला और उसी में चेष्टा करने वाला है .
- पर इससे भी पूर्व छान्दोग्य उपनिषद् में सनत्कुमार के पूछने पर नारद ने जो 18 अधीत विद्याओं की सूची प्रस्तुत की है , उसमें ज्योतिष के लिये ‘नक्षत्र विद्या' तथा गणित के लिये ‘राशि विद्या' नाम प्रदान किया है।
- छान्दोग्य उपनिषद् में यह प्रसंग आता है कि पाँच विद्वान ब्राह्मण वैश्वानर आत्मा के सम्बन्ध में ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा से जब उद्दालक आरुणि के पास पहुँचते हैं तो वे उन्हें राजा अश्वपति कैकय के पास ले जाते हैं .