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छत्रधारी meaning in Hindi

pronunciation: [ chhetredhaari ]
छत्रधारी meaning in English

Examples

  1. मौके पर छत्रधारी मेहता , पिंकी देवी, राजू पासवान, ममता देवी, बेबी देवी, ललिता देवी, प्रतिमा देवी, सपना देवी, चंपा देवी, बुधन साव, दीपक सहित प्रखंड के प्रेरक मौजूद थे।
  2. इस मौके पर विशेश्वर साव , मंगल साहू, छत्रधारी साव, संजय राणा, इंदर साव, बालेश्वर साव, गणेश साव, बाबूलाल साव, राजकिशोर साव, गिरधारी साव, दिगंबर साव, बबुनी गोप, जीतन साव मौजूद थे।
  3. ारी के श्री राजबली व सुकई भगत दुर्गवलिया के श्री तिलक चैधरी , बलुअही के श्री जानकी षरण तिवारी (जिनका कार्यक्षेत्र सिसवां बाजार व खड्डा रहा) एवं घुघली के मुंषी छत्रधारी लाल आदि लोगों के साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ें।
  4. इसी प्रकार निवाई ( टोंक) से आए छत्रधारी शर्मा एवं दल ने अलगोजा नृत्य, नेहरूलाल गरासिया एवं दल ने वालर नृत्य की प्रस्तुति के बाद जब चैत्र पूर्णिमा व होली पूजा दौरान महाराष्ट्र में आयोजित होने वाले सोंगी मुखौटी नृत्य की प्रस्तुति दी।
  5. उनकी छत्रधारी सेना ने अर्थ के अनर्थ और अपने अमूल्य ज्ञान कोष से यह बताना प्रारम्भ कर दिया है कि अण्णा को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए , किनको साथ लेकर चलना चाहिए और किनको छोड़ देना चाहिए आदि .
  6. ौली के श्री राम दयाल भगत , करमी के श्री रघुनन्दन, खेसरारी के श्री राजबली व सुकई भगत दुर्गवलिया के श्री तिलक चैधरी, बलुअही के श्री जानकी षरण तिवारी (जिनका कार्यक्षेत्र सिसवां बाजार व खड्डा रहा) एवं घुघली के मुंषी छत्रधारी लाल आदि लोगों के साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ें।
  7. छत्रधारी हाथी पर बैठने वाले महंत , पालकियों में चंवर डुलाने वाले पुजारी , घंटों तिलक मुद्रा में समय ख़र्च करने वाले पंडित और राजारईसों के दरबार में खिलौना बनने वाले महात्मा उनकी समालोचना को कितनी रोचक और हृदयग्राही बना देते ? एक बार लेखक ने दो जटाधारी साधुओं को रेलगाड़ी में बैठे देखा।
  8. और ऐसी बहु-आयामी विवशता को ही वे “ कलियुग ” नाम दे रहे हैं- व्यापार के विकास का वह समय उन्हें “ धरम की हानि ” का समय दिख रहा है , जिसमें शूद्र ब्राह्मणों को डाँट रहे हैं , स्त्रियां पुरुषों से जिरह करने की हिम्मत कर रही हैं , और आदिवासी गोंड छत्रधारी राजा बन रहे हैं।
  9. दुनिया के पांच महाद्वीपों में जिसके योग स्कूल का डंका बजता हो , सन्यास की लगभग विलुप्त हो चुकी परंपरा को उसके शुद्धतम रूप में जिसने जीवित किया हो और सन्यासी को छत्रधारी पालक राजा के रूप में जिसने पुन : स्थापित किया हो क्या उसकी महासमाधि हमारे मीडिया के लिए एक लाइन की खबर भी बनने के योग्य नहीं है ?
  10. ( 37 ) विभूत पुर नरहन के द्रोणवार ब्राह्मण श्री द्वारिका प्रसाद सिंह के भाई हरिकृष्ण सिंह का विवाह ग्राम बदलपुरा , बेगूसराय स्टेशन के पास , जिला मुंगेर में श्री वेदनारायण सिंह के भाई चमन सिंह की पोती से हुआ है , और वेदनारायण सिंह की पुत्री का विवाह केवटा के सेठ छत्रधारी चौधरी के पुत्र वर्तमान सेठ श्री रामाश्रय सिंह चौधरी से हुआ है।
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