कौमारभृत्य meaning in Hindi
pronunciation: [ kaumaarebheritey ]
Examples
- आयुर्वेद अथवा किसी भी चिकित्सा शास्त्र के अध्ययन के लिए शरीर रचना का ज्ञान नितांत आवश्यक है | चिकित्सा में निपुणता प्राप्त करने के लिए प्रथम और आवश्यक सोपान शरीर विज्ञान है | इस ज्ञान के बिना चिकित्सा , शल्य , शालाक्य , कौमारभृत्य आदि किसी भी आयुर्वेद के अंग का अध्ययन संभव नहीं | चिकित्सा के प्रमुख दो वर्ग है-
- इसके आठ अंग हैं ( १ ) शल्य ( चीरफाड़ ) , ( २ ) शालाक्य ( सलाई ) , ( ३ ) कायचिकित्सा ( ज्वर , अतिसार आदि की चिकित्सा ) , ( ४ ) भूतविद्या ( झाड़-फूँक ) , ( ५ ) कौमारभृत्य ( बालचिकित्सा ) , ( ६ ) अगदतंत्र ( बिच्छू , साँप आदि के काटने की दवा ) , ( ७ ) रसायन और ( ८ ) बाजीकरण ।