आवाज़ बुलंद करना meaning in Hindi
pronunciation: [ aavaaj bulend kernaa ]
Examples
- मैं इस ब्लॉग के माध्यम से हॉकरो की आवाज़ बुलंद करना चाहता हूँ और मुझे विश्वास हैं कि- ” जो भी यह ब्लॉग पढेगा वो हॉकरो के बारे में अवश्य सोचेगा।
- मीडिया जगत से सम्भंदित हलचल को समर्पित इस ब्लॉग में कलम के सिपहिओं का स्वागत है दोस्तों यह ब्लॉग है उन लोगों के लिए मंच जो अपनी आवाज़ बुलंद करना चाहते है .
- कुछ लोग सड़कों पर आवाज़ बुलंद करना चाहते हैं लेकिन हमें उन्हें भी सहन करना चाहिए जो अपने कमरों में दुबक जाते हैं और अपनी बात को आवाज़ देने के लिए साहित्य का इस्तेमाल करते हैं .
- तुष्टिकारक सरकार से हम किसी प्रकार की उम्मीद रख ही नहीं सकते कि वह सही कुछ करने में सही का साथ दे , तो अब हमें ही इसके लिए स्त्री पुरुष के भेद से ऊपर उठकर आवाज़ बुलंद करना होगा ..
- यदि अन्ना फ़ासीवादी हैं , तो क्या महात्मा गाँधी भी फासीवादी थे ? लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी फासीवादी थे ? नेल्सन मंडेला भी फासीवादी थे ? क्या जन समुदाय को अपने मौलिक अधिकारों हेतु अपनी आवाज़ बुलंद करना फासीवाद है ?
- जिन चैनलों के लिए कमिश्नर के कुत्ते का गायब होना , राखी सावंत की सगाई या अमिताभ बच्चन को सर्दी-जुखाम होना ब्रेकिंग न्यूज लगता है , उनके लिए दिल्ली में लाखों गरीबों का आना और अपनी आवाज़ बुलंद करना कोई खबर नहीं थी।
- तो ? जिस प्रदेश से वह आते हैं वहां से विजय माल्या राज्यसभा में आ चुके हैं तो आप चाहते हैं कि राज्यसभा / लोकसभा गुंडों / धनपतियों के हाथ में तो रहे लेकिन एक लेखक अगर वहां पहुँच कर अपनी आवाज़ बुलंद करना चाहे तो आपको दिक्कत है ?
- देश को चलाने वाले बहुत छोटे से पदाधिकारी से लेकर शीर्षस्थ पदाधिकारी तक , राजनेता , पूंजीपति आदि आदि यदि पथभ्रष्ट हो जायं और पोषक के बदले शोषक बन आमजन का जीवन दुरूह कर दें , न्याय पालिका तक अपनी प्रासंगिकता खो चुकी हो , तो उनके विरुद्ध आवाज़ बुलंद करना , उन्हें चेताना और दण्डित करना किसी भी लिहाज से अनैतिक नहीं .
- इसका जिम्मेदार ईश्वर है ? , या फिर सरकार ?, या फिर डाक्टर ?क्या आपके घर में कोई डाक्टर है?क्या आप अपने बच्चे को डाक्टर बनाना चाहते हैं ?क्या आप डाक्टर को इंसान समझते हैं?क्या एक डोक्टर को दुःख होता है ?क्या एक डाक्टर से आपको सहानुभूति है?क्या डाक्टर के भी कुछ मौलिक अधिकार होते हैं ?क्या अपनी सुरक्षा के लिए आवाज़ बुलंद करना गैर-वाजिब है ?आपकी राय का इंतज़ार रहेगा।
- देश को चलाने वाले बहुत छोटे से पदाधिकारी से लेकर शीर्षस्थ पदाधिकारी तक , राजनेता ,पूंजीपति आदि आदि यदि पथभ्रष्ट हो जायं और पोषक के बदले शोषक बन आमजन का जीवन दुरूह कर दें,न्याय पालिका तक अपनी प्रासंगिकता खो चुकी हो , तो उनके विरुद्ध आवाज़ बुलंद करना, उन्हें चेताना और दण्डित करना किसी भी लिहाज से अनैतिक नहीं.बल्कि मैं तो कहूँगी आज भी ऐसे ही समूह और शक्ति की आवश्यकता है जो पथविमुख को सही मार्ग पर रखने के लिए सदैव ही प्राणोत्सर्ग को तत्पर रहे...