आत्मनेपद meaning in Hindi
pronunciation: [ aatemneped ]
Examples
- ( आत्मनेपद ) वे अपने प्रति दायित्व को प्राथमिक मानते हैं और समाज के प्रति दायित्व को उसी से उत्पन्न।
- ' ( आत्मनेपद 189 ) तो वहीं उपन्यास में ‘ शेखर भी एक स्थान पर ऐसा ही करता है ।
- शेखर के जीवन दर्शन को सूत्र रूप में वे ' स्वातंत्र्य की खोज ' का ही दर्शन मानते हैं ( आत्मनेपद ) ।
- आत्मनेपद में वह कहते हैं - ऐतिहासिक परम्परा कोई पोटली बाँध कर रखा हुआ पाथेय नहीं है जिसे उठा कर हम चल निकले .
- ( आत्मनेपद ) पर इस स्वीकृति के बावजूद अज्ञेय की कविता में एक विशिष्टता की मुद्रा प्राप्त होती है , सहजता की नहीं ।
- जिसका भावार्थ यह हैं कि ‘ उपनयीत ' इस क्रियापद में जो ‘ आत्मनेपद ' संज्ञकप्रत्यय लगा हैं वह ‘ संमाननोत्स जनाचार्यकरण ज्ञानभृतिविगणनव्ययेषु निय : ।
- ‘ आत्मनेपद ' में अज्ञेय लिखते हैं , ‘ वे बचपन से ही दुश्मन को शिकस्त देने के लिए अपने सिर का शस्त्रवत प्रयोग करते रहे हैं ।
- ( आत्मनेपद ) अज्ञेय की कविताओं में जिस तद्भव शब्दावली का प्रचुर प्रयोग हुआ है , वह सीधे जीवन से ली गई है , इसीलिए यह अत्यन्त सजीव और अर्थपूर्ण है ।
- डॉ . बोरगल ने ‘ शेखर : एक जीवनी ' , नदी के द्वीप ' , ‘ तार सप्तक ' , ‘ आत्मनेपद ' आदि की भूमिकाओं पर चर्चा करने के बाद यह उद्धृत किया है कि ”
- उपर्युक्त आत्मनेपद की भीतरी मंशा से यह स्पष्ट हो जाता है कि मत्त जी ने ‘ नागमति यह दुनिया धंधा ' की अहरह आपाधापी की जद्दोजहहद को निभाते हुए भी अपने लक्ष्य को कभी विस्मृत नहीं होने दिया।