आत्मनिग्रह meaning in Hindi
pronunciation: [ aatemnigarh ]
Examples
- कर्म की प्रतिक्रिया अन्यायी को दण्ड देती है . आत्मनिग्रह आध्यात्म के लिये आवश्यक है किन्तु इसका अर्थ जगत् की उपेक्षा करना अथवा गृह और सम्पत्ति का त्याग करना नहीं है.उपनिषदों का परम लक्ष्य मोक्ष है.उपनिषदों में ओम् शब्द पूर्ण परमेश्वर का पर्याय है.
- शारीरिक तप देव , द्विज , गुरु और अहिंसा में निहित होता है , वाचिक तप अनुद्वेगकर वाणी , सत्य और प्रियभाषण तथा स्वाध्याय से होता है और मानसिक तप मन की प्रसन्नता , सौम्यता , आत्मनिग्रह और भावसंशुद्धि से सिद्ध होता है।
- शारीरिक तप देव , द्विज , गुरु और अहिंसा में निहित होता है , वाचिक तप अनुद्वेगकर वाणी , सत्य और प्रियभाषण तथा स्वाध्याय से होता है और मानसिक तप मन की प्रसन्नता , सौम्यता , आत्मनिग्रह और भावसंशुद्धि से सिद्ध होता है।
- वे आत्मनिग्रह करती हैं , कष्ट सहती हैं , पर बच्चों के प्रति , पतिदेव के प्रति , सास- ससुर , देवर- जेठ आदि सभी के प्रति अपने व्यवहार को सौम्य , सहृदय , सेवापूर्ण , उदार , शिष्ट एवं सहिष्णु रखती हैं।
- तुम इस विषय पर व्याख्यान दो , कविताएँ लिखो , निबंधा रचो , मैं खुश होकर उन्हें पढ़ईँगा औैर तुम्हारी प्रशंसा करूँगा ; लेकिन कर्मक्षेत्रा में आकर उन भावों को उसी भाँति भूल जाओ , जैसे अच्छे-से-अच्छे सूट पहनकर मोटर पर सैर करते समय तुम त्याग , संतोष और आत्मनिग्रह को भूल जाते हो।
- तजिबा काम क्रोध लोभ मोह संसार की माया सिध्दों और योगियों का इतना वर्णन करके इस बात की ओर ध्यान दिलाना हम आवश्यक समझते हैं कि उनकी रचनाएँ तांत्रिक विधान , योगसाधना , आत्मनिग्रह , श्वास-निरोधा , भीतरी चक्रों और नाड़ियों की स्थिति , अंतर्मुख साधना के महत्व इत्यादि की सांप्रदायिक शिक्षा मात्र हैं , जीवन की स्वाभाविक अनूभूतियों और दशाओं से उनका कोई संबंध नहीं।
- तजिबा काम क्रोध लोभ मोह संसार की माया सिध्दों और योगियों का इतना वर्णन करके इस बात की ओर ध्यान दिलाना हम आवश्यक समझते हैं कि उनकी रचनाएँ तांत्रिक विधान , योगसाधना , आत्मनिग्रह , श्वास-निरोधा , भीतरी चक्रों और नाड़ियों की स्थिति , अंतर्मुख साधना के महत्व इत्यादि की सांप्रदायिक शिक्षा मात्र हैं , जीवन की स्वाभाविक अनूभूतियों और दशाओं से उनका कोई संबंध नहीं।