अष्टांगयोग meaning in Hindi
pronunciation: [ asetaanegayoga ]
Examples
- योग के मार्ग और साधन योग के आठ अंग हैं और इसके लिए योग अपने आप में अष्टांगयोग कहलाता है।
- यम , नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि के आठ अंगों से युक्त अष्टांगयोग योग का सर्वजन सुलभ मार्ग है।
- योग के मार्ग और साधन यो ग के आठ अंग हैं और इसके लिए योग अपने आप में अष्टांगयोग कहलाता है।
- यम , नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि के आठ अंगों से युक्त अष्टांगयोग योग का सर्वजन सुलभ मार्ग है।
- महर्षि पतंजलि के अष्टांगयोग में इसे प्रत्याहार कहा जाता है ( सुरक्षित गोस्वामी , नवभारत टाइम्स , दिल्ली ,10 .6 .12 ) ।
- उन्होंने विद्या प्राप्त किए ही शास्त्र अध्ययन यम नियम , आसन, प्राणायाम व अष्टांगयोग साधना में महारथ हासिल की और साधना को सिद्ध भी किया।
- यम , नियम , आसन , प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान और समाधि के आठ अंगों से युक्त अष्टांगयोग योग का सर्वजन सुलभ मार्ग है।
- चौबीस अक्षर के भीतर चौबीस योग हैं और प्रत्येक आठ- आठ अक्षर गायत्री मंत्र में इस प्रकार से हैं , जो तीनों शरीरों की साधना के लिए अष्टांगयोग हैं।
- पातंजलि योग अष्टांगयोग नाम से भी प्रसिद्ध है , क्योंकि पतंजलि ने योग के यम , नियम , आसन , प्राणायाम , प्रत्यहार , धारणा , ध्यान और समाधि ये आठ अंग बताए हैं।
- इसमें महर्षि पतंजलिकृत अष्टांगयोग के संक्षिप्त विवरण के साथ सामान्य साधना में सहयोगी आसन , प्राणायाम , बन्ध , मुद्रा आदि के अतिरिक्त युगऋषि द्वारा निर्देशित पंचकोशीय ध्यान धारणा का भी संक्षिप्त विवेचन दे दिया गया है।